कोरोना वैक्सीनेशन : हम वैज्ञानिक समुदाय की सलाह के आधार पर काम करते रहेंगे : PM

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

देश में कोरोना टीकाकरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर राज्य टीकाकरण की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली| गौरतलब है कि भारत में 16 जनवरी से राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है|

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उड़ाए जा रहे अफवाहों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि अफवाहों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है| उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के मद्देनजर हम वैज्ञानिक समुदाय की सलाह के आधार पर काम करते रहेंगे| यह हम सभी के लिए गौरव की बात है| जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज का ऑथराइजेशन दिया गया है वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं| मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना का वैक्सीन लगेगा. इसके बाद सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, सुरक्षा बल के जवानों को कोरोना का वैक्सीनेशन होगा| दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के लोगों और जो लोग संक्रमण के लिए ज्यादा संवेदनशील हैं, उन्हें टीका लगेगा.

उत्तर प्रदेश में आज कोरोना वैक्सीन के आखिरी ड्राई रन का खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निगरानी करेंगे. यूपी के सभी जनपदों में 1500 टीकाकरण केंद्र और 3000 बूथ बनाए गए हैं| कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर बिहार में कोरोना का वैक्सीन 14 जनवरी से पहले बिहार पहुंच जाएगा| स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक बिहार को दिए जाने वाला वैक्सीन सबसे पहले हवाई मार्ग से पटना पहुंचेगा जिसके बाद उसे फ्रीजर वैन में रखकर पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में स्थित स्टेट वैक्सीन स्टोर में लाया जाएगा जहां से इसे विभिन्न जिलों के टीका केंद्रों पर भेजा जाएगा|

वैक्सीनेशन के पहले चरण में 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिन्हें तीन ग्रुप्स में बांटा गया है| पहला ग्रुप - हेल्थकेयर वर्कर्स, दूसरा ग्रुप - फ्रंटलाइन वर्कर्स का, इसमें केंद्र और राज्यों की पुलिस, अर्धसैनिक बलों के जवान-अफसर, आपाताकालीन सेवाओं से जुड़े कर्मचारी और निगम कर्मचारियों समेत दो करोड़ लोग शामिल होंगे| तीसरा ग्रुप होगा - 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिक और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 वर्ष से कम उम्र के लोग, जिनकी संख्या है - 27 करोड़, जिन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा है|

 


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