कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर वार किया। पत्रकारों से बातचीत के क्रम में राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और उनका अहंकार समझता है कि किसानों को थकाया जा सकता है, उन्हें बेवकूफ बनाया जा सकता है| लेकिन यह उनकी भूल है क्योंकि किसानों को ना तो थकाया जा सकता है और ना ही उन्हें बेवकूफ बनाया जा सकता है|
राहुल गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं डरता| मैं साफ-सुथरा आदमी हूं| ये मुझे गोली मार सकते हैं, लेकिन छू नहीं सकते| मैं देशभक्त हूं और अपने देश की रक्षा करूंगा| कोई मेरा साथ नहीं देगा, तब भी अकेला लड़ता रहूंगा| यह मेरा धर्म है|" राहुल ने कृषि कानूनों की कमियां बताने वाली बुकलेट भी रिलीज की| उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून देश की कृषि व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए तैयार किए गए हैं| इस देश के 4-5 नए मालिक हैं| अब तक खेती में एकाधिकार नहीं था| आज तक हिंदुस्तान के खेतों का फायदा किसानों, मजदूरों, मिडिल क्लास और गरीबों को जाता था|
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियाकर्मियों ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा राहुल गांधी से कई मुद्दों पर पूछे गये सवाल पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, 'वो मेरे प्रोफेसर नहीं हैं जो मैं उनका जवाब दूंगा। मैं देश के किसानों, देश की जनता को जवाब दूंगा। अपनी आवाज उठाता रहूंगा चाहे कितना भी विरोध हो जाए। उन्होंने कहा कि, 'राहुल गांधी कौन है? क्या करता है? यह बात हिंदुस्तान का हर किसान जानता है। किसान जानता है कि भट्टा परसोल में कौन खड़े थे, भूमि अधिग्रहण के समय नड्डा जी या मोदी जी नहीं बल्कि 'राहुल गांधी' किसानों के साथ खड़ा था।'
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर किसानों को ‘‘उकसाने और गुमराह’’ करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सालों तक क्यों अटका रखा था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं बढ़ाया। उन्होंने राहुल से तमिलनाडु में जल्लीकट्टू, कृषि मंडियों, कोविड-19 पर भी सवाल पूछे हैं।