लगातार हार के कारण भारत की विश्व कप तैयारियों को करारा झटका लगा है और अब महेंद्र सिंह धौनी की टीम त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में कल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले करो या मरो वाले मैच में फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदें बरकरार रखकर क्रिकेट महाकुंभ की अपनी तैयारियों में भी जान फूंकने की कोशिश करेगा। ऑस्ट्रेलिया ने अब तक तीन मैचों में तीन जीत दर्ज की है और वह एक फरवरी को पर्थ में होने वाले फाइनल के लिये पहले ही क्वालीफाई कर चुका है। ब्रिस्बेन में इंग्लैंड के हाथों करारी हार के बाद भारत को अब सिडनी और पर्थ में होने वाले दोनों मैच बड़े अंतर से जीतने होंगे। उसे इन दोनों मैचों में से किसी एक में बोनस अंक हासिल करने की भी जरूरत पड़ सकती है। भारत के लिये अच्छी खबर यह है कि इशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा कल के मैच के लिये उपलब्ध रहेंगे लेकिन यह अभी तय नहीं है कि उन्हें अंतिम एकादश में चुना जाएगा या नहीं। विशेषकर जडेजा को जिनकी आउटफील्ड में क्षेत्ररक्षण की क्षमताओं पर अब भी संदेह है। रोहित शर्मा घुटने के नीचे की नस में खिंचाव के कारण इस मैच में भी नहीं खेल पाएंगे। ऐसे में भारत का बल्लेबाजी क्रम भी लगभग पहले जैसा ही रहेगा। अजिंक्य रहाणे फिर शिखर धवन के साथ पारी का आगाज करेंगे जो फॉर्म में लौटने के लिये बेताब हैं। चर्चा संभवत: दो बिंदुओं को लेकर रहेगी। पहला यह कि क्या विराट कोहली पहले की तरह नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिये उतरेंगे। भारतीय टीम प्रबंधन के इस फैसले पर काफी चर्चा हुई है और कहा जा रहा है कि टीम के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आना चाहिए। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कोहली ने तीसरे और चौथे दोनों स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। तीसरे नंबर पर उनका औसत 51.97 है और उन्होंने 21 में से अपने 14 शतक इस नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बनाये हैं। हालांकि तीसरे नंबर पर उतरने से पहले वह चौथे स्थान पर ही बल्लेबाजी करते थे और उन्होंने 2011 विश्व कप में टीम के लिये अहम भूमिका निभायी थी। इस चर्चा में कोहली के इस स्थान पर प्रदर्शन को भुला दिया गया। कोहली ने नंबर चार पर 61.35 की औसत से रन बनाये हैं और उन्होंने 2011-12 के दौरे में श्रीलंका के खिलाफ होबार्ट में इसी नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 86 गेंदों पर नाबाद 133 रन की यादगार पारी खेली थी। भारत ने उनकी पारी की बदौलत 300 से अधिक का स्कोर 40 ओवरों के अंदर हासिल कर दिया था। भारतीय टीम प्रबंधन आगामी विश्व कप में उसने इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है और इसलिए केवल दो मैचों के बाद रणनीति में बदलाव करने की संभावना नहीं लगती। भारतीय ड्रेसिंग रूम में चर्चा का दूसरा विषय निचले मध्यक्रम की बल्लेबाजी होगी विशेषकर तब जबकि डेथ ओवरों में तेजी से रन बनाने हों। स्टुअर्ट बिन्नी ने गाबा में बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया और उन्हें इस दोहरी भूमिका के लिये ही विश्व कप टीम में रखा गया है। बिन्नी ने ब्रिस्बेन में गेंदबाजी का आगाज भी किया था और ऐसे में वह मध्यम गति के तीसरे गेंदबाज के विकल्प के रूप में खेल सकते हैं। बिन्नी के बाद आर अश्विन, अक्षर पटेल (या जडेजा) और भुवनेश्वर कुमार बल्लेबाजी के लिये उतरेंगे। इससे निचले क्रम को मजबूती मिलेगी। धौनी एक दो अवसरों पर कह चुके हैं कि बिन्नी की उपस्थिति यहां के मददगार विकेटों पर अहम साबित होगी और ऐसे में देखना होगा कि क्या कप्तान सिडनी क्रिकेट ग्राउंड जैसे धीमे विकेट पर भी उन्हें अंतिम एकादश में रखते हैं या नहीं। भारत को जहां विश्व कप के लिये पहले प्रयोग करने और अगले दो मैचों में जीत दिलाने वाले सर्वश्रेष्ठ एकादश में संतुलन बनाने की जरूरत है वहीं ऑस्ट्रेलिया को इस तरह की कोई चिंता नहीं है। ऑस्ट्रेलिया पर्थ में होने वाले फाइनल के लिये पहले ही क्वालीफाई कर चुका है और वह इस मैच का उपयोग अपने कुछ खिलाड़ियों को विश्राम के लिये करेगा ताकि विश्व कप से पहले अपने संयोजन को सही तरह से व्यवस्थित कर सके। जॉर्ज बेली फिर टीम की अगुवाई करेंगे। उन पर धीमी ओवर गति के लिये एक मैच का प्रतिबंध लगने के कारण शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ स्टीवन स्मिथ ने कप्तानी की थी। शेन वॉटसन चोटिल होने के कारण इस मैच में भी नहीं खेलें लेकिन मिशेल मार्श चोट से उबर गये हैं। यदि मिशेल मार्श को चुना जाता है तो वह केवल बल्लेबाज के रूप में नहीं खेलेंगे और उन्हें गेंदबाजी भी करनी पड़ेगी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया स्पिनरों के लिये मददगार विकेट पर अपने एक नियमित तेज गेंदबाज को बाहर करके स्पिनर जेवियर डोहर्टी को टीम में शामिल करने पर विचार कर रहा है। मिशेल जॉनसन और जोश हेजलवुड दोनों सिडनी में टीम से जुड़ेंगे लेकिन संभावना है कि उन्हें अभी अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे में मिशेल स्टार्क, पैट कमिन्स और गुरिंदर संधू से किसी को विश्राम दिया जा सकता है। हाल की रोटेशन नीति को देखते हुए स्टार्क को विश्राम दिया जा सकता है।