पटना : नीतीश कुमार रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और इस दौरान वे अपनी कैबिनेट में भी कुछ लोगों को शामिल करेंगे. इससे पहले राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने उन्हें आज शाम साढ़े चार बजे राजभवन आमंत्रित किया. उनके साथ रामचंद्र पूर्वे, सदानंद सिंह, वशिष्ट नारायण सिंह और अशोक चौधरी भी राजभवन पहुंचे थे. नीतीश चौथी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे. उन्हें राजद, कांग्रेस, भाकपा व एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है. राजभवन से बाहर आने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हम अपने समर्थक दलों के नेताओं के साथ राज्यपाल से मिले और आठ फरवरी को अपन विधानमंडल की बैठक में लिये गये फैसले के आधार पर आज की परिस्थिति में अपना दावा फिर से दोहराया. उन्होंने हमारे दावे को स्वीकार किया और सरकार बनाने के लिए हमे आमंत्रित किया. उन्होंने बताया कि राजभवन में रविवार को राजेंद्र मंडप पर शाम पांच बजे शपथ ग्रहण होगा. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए तीन सप्ताह यानी 16 मार्च से पहले तक का वक्त दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार गठन के बाद हम विधानसभा के मौजूदा सत्र का अवसान करेंगे और नये सिरे से विधानसभा सत्र की बैठक बुलायेंगे, जिसमें राज्यपाल का अभिभाषण, विश्वास मत हासिल करने सहित सभी प्रक्रिया पूरी होगी. उन्होंने कहा कि नये सिरे से जो सत्र आहूत करेंगे और वह पूरा बजट सत्र होगा. इसके पहले दिन में उन्होंने जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद एक प्रेस कान्फ्रेंस कर मांझी के आरोपों का जवाब दिया और भाजपा पर राजनीतिक षड्यंत्र करने का आरोप लगाया. नीतीश ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर अपने प्रेस कान्फ्रेंस में बिहार की जनता से माफी मांगी और कहा कि वे अब भावना में आकर अपनी जिम्मेवारियों को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो अपनी यूएसपी सुशासन के अनुरूप ही मैं फिर काम करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं उसी तरह राज्य की सेवा करूंगा जिस तरह पहले साढ़े आठ साल तक किया. उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि मांझी को जिस पार्टी ने उन्हें इतना बड़ा स्थान दिया, वे उसके फैसला का सम्मान करते और जाति का कार्ड नहीं खेलते. उन्होंने कहा कि जिस महादलित शब्द का आज वे लोग बार-बार उल्लेख करते हैं, उसे उन्होंने ही इजाद किया. नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं. उन्होंने कहा कि मांझी द्वारा यह आरोप लगाना धरती का सबसे बड़ा झूठ है कि वे सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करते थे. उन्होंने कहा कि मैं जिस काम को छोड़ देता हूं, उसमें दोबारा हस्तक्षेप नहीं करता. उन्होंने कहा कि मांझी को यह तय करना है कि वे आगे भी भाजपा के गेम प्लान के तहत चलना चाहते हैं या कुछ और निर्णय करते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया पहले ही पूरी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के संसदीय इतिहास में पहली बार यह हुआ है कि राज्यपाल के अभिभाषण के दिन ही मुख्यमंत्री ने त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने सत्र बुलाया और मैदान छोड़ भाग गये. उन्होंने कहा कि हाइवोल्टेज ड्रामा रात भर चलता रहा और मीडिया ने इसे दिखाया भी. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में भाजपा ने कोई कर्म नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि सारा गेम प्लान भाजपा का है और कल वह खुल कर सामने आ गयी, जबकि समर्थन वह पहले से ही दे रही थी. उन्होंने कहा भाजपा ने जो चाहा वह करवाया. उन्होंने कहा कि स्पीकर पर आरोप लगाना हास्यास्पद है, उन्होंने कहा कि स्पीकर नियम के अनुसार चलेंगे या फिर किसी ओर तरीके से. उन्होंने कहा कि कल भी उन पर आरोप लगाया गया. जदयू नेता ने कहा कि स्पीकर को अपमानित करने की कोशिश की गयी और उन्हें मुकदमे में फंसाने की भी कोशिश की गयी. उन्होंने कहा कि सारे तिकड़म के बाद भी जब उनके विधायक नहीं टूटे तब दोषारोपण शुरू किया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री मांझी को बहुमत नहीं था तो उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने भी आज कहा कि बहुमत के लिए जुगाड़ की जरूरत मांझी को करनी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनकी पार्टी तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सभी लोग चट्टानी एकता से एकजुट रहे. नीतीश ने कहा हमारे समर्थन में राजद, कांग्रेस, भाकपा व एक निर्दलीय विधायक हैं. छह फरवरी को इन दलों ने समर्थन का एलान किया. सात फरवरी को विधानमंडल की बैठक हुई. आठ फरवरी को राजभवन को इसकी सूचना दी. फिर नौ फरवरी को मिलने गये. उन्होंने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के अस्तित्व में रहते कैसे किसी दल में फूट हो सकती है. उन्होंने कहा कि फूट भाजपा ने पैदा की, क्योंकि उसे हमसे परेशानी थी. बिहार की राजनीति पर पूरे देश की नजर थी. उन्होंने मांझी को इंगित करते हुए कहा कि घोड़ा रेस से पहले ही मैदान छोड़ कर भाग गया और भाजपा को इंगित करते हुए कहा कि खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे. उन्होंने कहा कि अब वे जो कुछ करें उसका कोई मतलब नहीं है. नीतीश ने कहा कि अब हमें राजभवन के निर्णय का इंतजार है. नीतीश कुमार ने खुद का नैतिक समर्थन करने के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और बसपा प्रमुख मायावती को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा एनडीए में रहने के बावजूद शिवसेना के मांझी-भाजपा संबंध पर लिये गये स्टैंड का स्वागत किया, इसके लिए उन्हें भी धन्यवाद. उन्होंने मीडिया का भी धन्यवाद दिया और कहा कि आपने तथ्य को वैसे ही रखा-दिखाया जैसा वह है.