पटना उच्च न्यायालय में सोमवार को रिटायर्ड भारतीय प्रशासनिक अधिकारी केपी रमैया के पेश नहीं होने पर न्यायालय ने नाराजगी प्रकट करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने आईजी को आदेश देते हुए कहा कि 24 अप्रैल को 10 बजे रमैया को हर सूरतेहाल में हाजिर करें। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट इसे प्रशासनिक विफलता मानेगा।’
मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है| व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे कानून के दायरे में रहकर कोर्ट के निर्देश का पालन करना ही होगा| सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता रामय्या के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी वह कोर्ट में नहीं आ पाये हैं| कोर्ट को बताया गया कि जब तक रामय्या की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का निर्देश हाइकोर्ट नहीं देगा, तब तक वह कोर्ट में उपस्थित होने में असमर्थ हैं| इस पर कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह का आदेश कतई नहीं देगा और हर हाल में उन्हें कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा|
उल्लेखनीय है कि केपी रामय्या जब बिहार भूमि न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य थे, तब उन्होंने एक व्यक्ति की जमीन के मामले में एक आदेश दिया था, जिसके खिलाफ वह व्यक्ति हाइकोर्ट में चला गया| इस पर हाइकोर्ट के चक्रधारी सिंह की एकलपीठ ने केपी रमैय्या को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया| एकलपीठ के बार-बार कहने पर भी जब वह कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, तो कोर्ट ने उन्हें अदालती आदेश की अवहेलना करने के मामले में गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया है| इसके विरुद्ध रमैया ने डबल बेंच में एलपीए दायर किया था जिसपर सुनवाई के क्रम में अनुपस्थित रमैया को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश करने का न्यायालय ने निर्देश दिया है|