आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान को आखिरकार सऊदी अरब से राहत मिल गई। सऊदी अरब की सरकार पाकिस्तान को 432 अरब रुपए का राहत पैकेज दे रही है। हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से भी राहत पैकेज की मांग करेगा। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 432 अरब रुपए का राहत पैकेज ऐसे वक्त मंजूर किया, जब उसे अपने पत्रकार जमाल खसोगी की तुर्की में हत्या करवाने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान को मिला राहत पैकेज वहां के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए भी बड़ी राहत है। वे पिछले कई दिनों से इस कोशिश में लगे थे। राहत पैकेज की डील पर रियाध में मंगलवार को दोनों देशों के वित्त मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए। डील के तहत 216 करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा के संतुलन के लिए प्रत्यक्ष एवं शेष 216 करोड़ रुपए का उसे तेल आयात करना होगा, जिसका भुगतान वह बाद में करेगा। हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि वह 216 करोड़ रुपए एक साल के बाद लौटा देगा।
इमरान खान ने जुलाई में शपथ लेने के बाद देश के तंग हालात सुधारने के लिए सितंबर में प्रधानमंत्री कार्यालय की लग्जरी कारें बेची थीं। इस देश पर आर्थिक कर्ज का भार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन आईएमएफ उसे कई बार अतिरिक्त कर्ज देने से इंकार कर चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान पर पहले ही 1200 अरब रुपए से अधिक कर्ज का भार है।
विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी अरब से मिले राहत पैकेज से पाकिस्तान को थोड़ी तो राहत मिल जाएगी, यानी उसकी अर्थव्यवस्था इससे ठीक-ठाक सांस ले सकती है। हालांकि, वह आईएमएफ से 575 करोड़ रुपए का पैकेज चाहता है। अगर यह मिला तो पाकिस्तान के लिए आईएमएफ का अब तक का सबसे बड़ा कोष होगा।
इमरान खान ने रियाद में आयोजित इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट समिट में शिरकत करके कई देशों व मानवाधिकार संगठनों की नाराजगी मोल ली है। ऐसा इसलिए क्योंकि सऊदी पत्रकार खशोगी की हत्या तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में हुई है, संदेह है कि सऊदी सरकार ने ही खशोगी को मरवाया। उनसे संबंधित कई चीजें सऊदी राजदूत के घर व कार में बरामद हो चुकी हैं। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट जगत की कई हस्तियों एवं अधिकारियों ने सउदी अरब की उस समिट का बहिष्कार कर दिया था।