डायबिटीज को दूर करने में योग की भूमिका डायबिटीज रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ रही है या यूं कहें कि यह समस्या आम हो गई है। शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी या उसके निर्माण में अनियमितता के कारण डायबिटीज होती है। वजन में कमी आना, अधिक भूख प्यास लगना, थकान, बार-बार संक्रमण होना, देरी से घाव भरना, हाथ-पैरों में झुनझुनाहट ये सभी डायबिटीज के लक्षण हैं। ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का एक अहम हथियार नियमित व्यायाम है, और योग इसका एक बेहद पुराना और असरदार हिस्सा। डायबिटीज की समस्या होने पर ब्लड सेल्स शरीर में उत्पन्न इन्सुलिन पर प्रतिक्रया देना बंद कर देते हैं। लेकिन नियमित रूप से योग करने से शरीर इन्सुलिन के लिए प्रतिक्रया देना शुरू कर देता है जिससे ब्लड ग्लूकोज को कम करने में मदद मिलती है। सेतुबंधासन सेतुबंधासन रक्तचाप नियंत्रित करने, मानसिक शान्ति देने और पाचनतंत्र को ठीक रखने में मदद करता है। गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन मासिक धर्म में आने वाली समस्याओं से भी निजात दिलाता है। इस आसन को करने के लिए चटाई के बल सीधे लेट जाये। अब सांस छोड़ते हुए पैरों के बल ऊपर की ओर उठें। अपने शरीर को इस तरह उठाएं कि आपकी गर्दन और सर फर्श पर ही रहे और शरीर का बाकी हिस्सा हवा में। ज्यादा सहारा पाने के लिए आप अपने हाथों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर आपमें लचीलापन है तो अतिरिक्त स्ट्रेचिंग के लिए आप अपनी उंगलियों को ऊपर उठी पीठ के पीछे भी ले जा सकते हैं। लेकिन अगर आपकी गर्दन या पीठ में चोट लगी हो तो इस आसन को न करें। सर्वांगासन यह योगा करने से गले के आसपास पाई जाने वाली थॉयराइड और पैराथाइराइड ग्रंथियों ( मोटापा, प्रोटीन और कार्बोहाइडेट मेटाबोलिज्म के लिए उत्तडरदायी ग्रंथियां) को मजबूती मिलती है। साथ ही इस आसन को करने से ग्रंथियों में रक्तसंचार सुचारु हो जाता है। इस योग को करने के लिए आराम से किसी चटाई पर लेटकर दोनों हाथ फैला लीजिए, फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को उपर कीजिए, फिर हाथों से कमर को पकडकर पूरे शरीर को हवा में कीजिए और शरीर का पूरा भाग गर्दन पर हो जाने दीजिए। अपने पैरों को सीधा रखिए। लेकिन ध्यान रहें उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को यह आसन किसी प्रशिक्षक के निरीक्षण में ही करना चाहिए।