पटना : प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर ने कोविड संक्रमण को ले आयोजित किया वर्चुअल मीटिंग। देश विदेश के सैकड़ो चिकित्सक ने किया विचार विमर्श।
गौरतलब है कि पूरा देश कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रहा है। विगत कुछ दिनों में एक मर्तबा फिर कोरोना संक्रमण के बढ़ने के मामले में तेजी आई है जिसको लेकर सरकार भी चिंतित है और नए नए गाइड लाइंस जारी कर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील कर रही है।
आशंका जताई जा रही है कि जैसे जैसे सर्दी बढ़ेगी कोरोना का सेकंड वेव दस्तक देगा और मामलों में भी इजाफा होगा।
इसी को लेकर डॉ प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर पटना के सौजन्य से राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें दवा की प्रमुख कम्पनी सिपला के तकनीकी सहयोग से देश विदेश के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने भविष्य में कोरोना संक्रमण के चुनौतियों , उससे बचने के उपाय और प्रबंधन के मामले को लेकर विचार विमर्श किया। गोआ मेडिकल कॉलेज के डाइरेक्टर एनाटोमी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ प्रशांत ई नाटेकर सहित अन्य राज्यों के प्रमुख चिकित्सकों ने भी अपनी राय रखी और बढ़ते कोरोना के मामलों से जूझने के मुद्दे पर वेबिनार के माध्यम से चर्चा की। इस वर्चुअल मीटिंग में डॉ प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर पटना के डाइरेक्टर वरीय पैथोलोजिस्ट एवम वायरोलॉजिस्ट ने कोविड -19 संक्रमित लोगों के इलाज के दौरान अपने सेंटर पर स्टेरॉयड एवं अन्य दवाईयों के आधार पर मरीजों में सतत सुधार आने की बात कही। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को सावधानियां बरतने और लोगों को जागरूक करने के मुद्दे पर विशेष बल दिया और आनेवाले चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर सभी से रायशुमारी की। डॉ प्रभात ने कोरोना से होने वाले लंग फाइब्रोसिस की बीमारी एवं घटना के बारे में विस्तृत चर्चा की। बता दें कि देश विदेश से इस वर्चुअल मीटिंग में सैकड़ो चिकित्सक शामिल हुए जिसमें कुवैत से डॉ महमूद, वेंकट श्रीधर, डॉ नवाबिया, बैंगलोर से डॉ शशिकला इत्यादि प्रमुख हैं।