संसदीय राजनीति में आबादी के अनुरूप अपनी हिस्सेदारी को लेकर रैदास समाज हुआ गोलबन्द

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : रैदास राजनीतिक चेतना फ्रंट के तत्वावधान में बाबू जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, सरदार पटेल पथ, पटना में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में रैदास समाज की स्थिति एवं संसदीय चुनावों (लोकसभा एवं राज्य सभा / विधानसभा विधानपरिषद) में हिस्सेदारी पर प्रथम राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

 सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए फ्रन्ट के अध्यक्ष एवं बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानन्द विकल ने कहा कि बिहार में रविदास जाति की आबादी अनुसूचित जाति में दूसरे स्थान पर है परन्तु हमारी जाति को राजनीति व सत्ता में उचित भागीदारी नहीं मिल रही है। हाल के वर्षों में रविदास जाति में आबादी के अनुपात से संसद एवं विधायक नहीं है। सभी राजनीतिक पाटियाँ हमारी जाति व समाज के लोगों को हाशिये पर रखे है। यही कारण है कि अत्यधिक आबादी के बावजूद हमारे समाज के लोग राजनीतिक रुप से पिछड़ते जा रहे हैं। स्व० बाबू जगजीवन राम के बाद रविदासों का राजनीति में शून्यता आ गयी है। बिहार के के लगभग 6 प्रमण्डलों में रविदास जाति का एक भी विधायक व संसद नहीं है। हमारा समाज विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं परन्तु राजनीति नेतृत्व के अभाव में हम लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि बाबू जगजीवन राम के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए रविदास जाति को एक मंच पर आना होगा और रैदास राजनीतिक चेतना फन्ट के तहत रविदास समाज को एकता के सूत्र में बाँधने हेतु किये जा रहे प्रयासों को आगे ले जाना होगा तभी हमारे समाज के लोगों को राजनीति अधिकार मिल सकेगा। फन्ट के द्वारा रविदास जाति में राजनीतिक चेतना लाने हेतु राज्य स्तर से लेकर जिला, प्रखण्ड एवं पंयायत स्तर पर कार्य योजना बनाकर कार्य आरम्भ किया गया कि आने वाले समय में संसद व विधानसभा के चुनाव में हमारे समाज को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित किया जा सके।

विदित हो कि 2023 में बिहार के जातीय जनगणना में रविदास तीसरी सबसे बड़ी अबादी है। परन्तु वर्ष 2011 के राष्ट्रीय जनगणना में बिहार में रविदासों की अबादी दूसरे स्थान पर थी और अनुसूचित जाति में प्रथम स्थान पर थी। राष्ट्रीय क्षितीज पर देखें तो दलितों में रविदास जाति देश की सबसे बड़ी अबादी है परन्तु हमलोग विभिन्न दलों एवं गुटों में बेटे हैं जिससे के कारण सत्ताधारी पाटियों हमारे समाज को तब्बजों नहीं दिया जाता हैं। हमारा समाज में बौद्धिक चेतना का विकास हुआ है फलस्वरुप रविदास समाज के बहुत लोग बौद्ध धर्म एवं अन्य धर्मो के अनुयायी हो गये हैं वहीं अपनी गणना करा दिये हैं जिसके कारण हमारे समाज की आबादी की गणना कम हो गयी है। हमलोग रैदास राजनीतिक चेतना फ्रंट के माध्यम से अपने समाज के लोगों को सही मार्गदर्शन कर पुनः अपने समाज में शामिल करने के लिए प्रयासरत है।

आज के सम्मेलन में बिहार प्रान्त के कोने-कोने से रविदास समाज सामाजिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं का समागम रहा।

इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में रैदास समाज की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट करते हुए प्रदेश प्रवक्ता हेमराज राम, राजगीर के विधानसभा सदस्य कौशल किशोर, पूर्व विधायिका मूंज देवी, महादलित आयोग के पूर्व सदस्य संजय राम, राज्य कर्मचारी आयोग के पूर्व सचिव श्री योगेन्द्र राम, सामाजिक कार्यकर्ता श्री मुंशी प्रसाद, दीपक राज ने अपने सम्बोधन में रविदास जाति के लोगों को राजनीति में ज्यादा से ज्यादा मागीदारी सुनिश्चित का आह्वान किया ।

सनद रहे कि उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने विद्यानन्द विकल, बिहार राज्य खाद्य अयोग के अध्यक्ष के समर्थन एवं नेतृत्व में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि, विधानसभा से लेकर संसद तक की यात्रा का एकजुटता के साथ संकल्प लिया

कार्यकम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्री पंकज श्वेताभ ने किया। सम्मेलन में आगत अतिथियों का स्वागत महेश दास ने किया एवं सम्मेलन को सफल बनाने में सर्वश्री अमरजीत, प्रदीप कुमार, राजेश कुमार, दीपक राज, विश्वजीत,, मनोज राम, गोल्डन कुमार, नरेन्द्र कुमार, सुहावन लाल अन्य लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया ।


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