भूमि विधेयक पर संशोधनों को लेकर विपक्ष के हमले का सामना कर रही सरकार ने अपनी परियोजनाओं के लिए भूमि का अधिग्रहण करनेवाले निजी निकाय की परिभाषा को संभवत: सीमित किया है. भूमि अधिग्रहण विधेयक को चर्चा व पारित करने के लिए लोकसभा में लाये जाने के एक दिन पहले सरकार ने रविवार को विपक्ष को संकेत दिया कि वह प्राइवेट एनटिटी (निजी इकाई) शब्द को बदल कर प्राइवेट इंटरप्राइज (निजी उद्यम) करने के लिए सरकारी संशोधन लायेगी. इस कदम से निजी क्षेत्र के उन लोगों पर अंकुश लग सकेगा, जिनकी योजना भूमि अधिग्रहण की है. ऐसी चिंता जतायी गयी थी कि कोई निजी व्यक्ति किसी कॉलेज या किसी संस्थान आदि के लिए जमीन अधिग्रहण करने की खातिर अपने को ‘निजी इकाई’ के रूप में पेश कर सकता है. इस विवादित संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय आवंटित किया गया है. संसदीय सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में चर्चा सोमवार को शुरू होगी, जो मंगलवार को भी जारी रह सकती है. विपक्षी दलों से होगी बात सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली, ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू लोकसभा के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ सोमवार सुबह इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे. समझा जाता है कि जेटली, नायडू और सिंह ने रविवार को बैठक की और इस मसले के विभिन्न आयामों पर विचार- विमर्श किया. यूपीए सरकार के 2013 के कानून में कहा गया था कि निजी कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहीत की जा सकती है. राजग सरकार द्वारा अध्यादेश और बाद में 26 फरवरी को लोकसभा में पेश किये गये संबंधित विधेयक में निजी कंपनी के स्थान पर प्राइवेट एनटिटी लिखा गया है.