ठंड अपने तेवर दिखाने लगी है। दिसंबर के पहले संडे बर्फीली हवा, कोहरे की घनी चादर के बीच राजधानीवासियों की आंखें खुलीं। घने कोहरे के चलते दृश्यता 50 से 200 मीटर तक रही। पछुआ हवा के बर्फीले झोंकों ने दोपहर तक कंपाया। इसके साथ ही सोमवार सुबह से भी धूप के दर्शन नहीं हुए और गलन महसूस की गई। पहाड़ों से टकराकर आ रही उत्तर-पछुआ हवा से दिन का पारा भी धड़ाम हुआ। ये पांच दिनों में सात डिग्री गिरकर 20 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा, जो कि सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सीजन की पहली ठिठुराती ठंड में गुनगुनी धूप का इंतजार दोपहर बाद तक जारी रहा। सुबह 11 बजे तक कोहरे की चादर के बीच हवा केझोंको संग कांपते शहरी सड़कों पर दिखे। चौराहों पर और बाजारों में अलाव भी जलने लगे। दोपहर करीब सवा बजे के बाद कोहरा छंटने पर धूप निकली तो छुट्टी के दिन लोग छतों और कॉलोनी मोहल्लों के पार्कों में दिखे। बर्फीली हवा के चलते धूप का अहसास भी लोगों को नहीं हुआ। दिन की गलन-सिहरन बरकरार रही। शाम होते-होते गलन और बढ़ गई। दिन के न्यूनतम तापमान में 24 घंटों की अपेक्षा 2.5 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। न्यूनतम पारा सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 12 डिग्री सेल्सिस दर्ज हुआ। रात को कोहरे की घनी चादर के बीच रातों केा गलन-ठिठुरन ने कंपाया।