डोकलाम में चीन के साथ विवाद और बढ़ रहे तनाव और दूसरी तरफ कश्मीर में पाकिस्तान के साथ एलओसी पर चल रहे संघर्ष के बीच कैग रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि सेना के पास केवल 10 दिनों का ही ऑपरेशनल वॉर रिजर्व है। जबकि इसे कम से कम 40 दिनों का होना चाहिए। लेकिन सेना ने इसे घटाकर 20 दिनों का कर दिया था। कैग रिपोर्ट में चिंता इसलिए जाहिर की गई है क्योंकि केवल सेना के पास ऑपरेशनल वॉर रिजर्व गोला बारूद केवल 10 दिनों का ही है। शुक्रवार को संसद में रखी रिपोर्ट में बताया गया है कि सेना को युद्ध के लिए कम से कम 40 दिन का वॉर रिजर्व होना चाहिए। हालांकि सेना ने इसे घटाकर 20 दिन का ‘ऑपरेशनल वॉर रिजर्व’ कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद सेना के पास बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण गोलाबारूद हैं जो सिर्फ 10 दिन के लिए हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में खराब गोलाबारूद को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब गोलाबारूद का पता करने में भी काफी समय खराब किया जाता है। खराब गोलाबारूद के बारे में लिखा गया है कि इन्हें ठिकाने ना लगाने के चलते एम्युनेशन डिपो में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।