बिहार में एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर पेच बरकरार है। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान और चिराग पासवान की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही। गठबंधन के दूसरे बड़े दल जदयू के अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (आज) शुक्रवार को दिल्ली जा रहे है। नीतीश की पहले भाजपा नेताओं से और उसके बाद तीनों दलों की आपस में बैठक होने की संभावना है।
इसके साथ एक समस्या और सामने आई है। जदयू के साथ आने के बाद सीटों की संख्या फिर से तय होने के साथ हर दल के हिस्से की सीटों को नए सिरे से चिन्हित किया जाना है। इसमें लोजपा की सीटें भी प्रभावित हो रही है। यह बीजेपी के लिए भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि अभी उसके 22 सदस्य हैं, जबकि गठबंधन के बाद 17 सीटें ही हिस्से में आई हैं। ऐसे में पांच सदस्यों की सीटें कटना तय है। वहीं जदयू सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर 2009 के फार्मूले के आधार पर सीटों का बंटवारा करने के लिए दबाव बना रही है।
रालोसपा के एनडीए से जाने के बाद भी सीटों के बंटवारे में हो रही देरी पर लोजपा का दबाब काम कर गया है। लोजपा के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान की अघोषित चेतावनी के बाद सक्रिय हुई भाजपा ने गुरुवार को लोजपा नेताओं से संपर्क साधा। पार्टी महासचिव व बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने रामविलास पासवान के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान चिराग पासवान भी मौजूद रहे। यहां से यह सभी नेता भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर पहुंचे।
शाह के आवास पर लगभग एक घंटे तक बैठक चली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शाह के आवास पर पहुंचे और बैठक में शामिल रहे। सूत्रों के अनुसार लोजपा पिछली बार जितनी ही यानी सात सीटों पर दावा जता रही है। साथ ही एक राज्यसभा सीट भी मांग रही है। राज्यसभा सीट का वादा होने पर लोकसभा सीटें कम भी हो सकती हैं। बैठक के बाद किसी भी नेता ने कोई टिप्पणी नहीं की। बैठक से बाहर निकले नेताओं के चेहरों की गंभीरता से लग रहा था कि कुछ और पेंच भी फंसे हुए हैं।