Saturday, 21 December 2024, 2:02:09 am

एस.टी. कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन के प्रशिक्षुओं ने शैक्षणिक परिभ्रमण के दौरान राजगीर के ऐतिहासिक स्थलों का किया दौरा। शैक्षणिक परिभ्रमण प्रशिक्षुओं एवं छात्रों को प्रत्यक्ष अनुभव करता है: सचिव सह निदेशक डॉक्टर शाहिना खान।

रिपोर्ट: शिलनिधी

दिनांक 27-02-2024 मंगलवार को एसटी कॉलेज आफ एजुकेशन के बीएड सत्र 2022-24 द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षुओं का जत्था आइक्यूएसी एवं रिसर्च एंड डेवलपमेंट कमिटी के संयुक्त तत्वावधान में  एकदिवसीय राजगीर शैक्षणिक परिभ्रमण पर रहे। राजगीर के ऐतिहासिक स्थल,  विश्व शांति स्तूप, सोन भंडार एवं मनियार मठ का प्रशिक्षुओं ने अपनी आंखों से देखकर इसकी बारीकियों का अनुभव किया। कई प्रशिक्षुओं के लिए यह पहला मौका था जब वे इतिहास की पन्नों में पढ़ने के बजाय अपनी आंखों से इन ऐतिहासिक स्थलों का दीदार कर रहे थे और उनके जीवन के अध्याय में एक नया यादगार जुड़ गया। संस्थान के अध्यक्ष तारिक़ रज़ा ख़ान, सचिव सह निदेशक डॉ शाहिना खान, सीएओ तनु सिन्हा,  प्राचार्या डॉ. संजीता कुमारी ने शैक्षणिक परिभ्रमण वाहन को हरी झंडी दिखाकर कॉलेज कैंपस से रवाना किया। प्रशिक्षुओं ने मुख्य रूप से राजगीर के तीन ऐतिहासिक स्थलों का गहराई से अवलोकन किया । इनमें विश्व शांति स्तूप , स्वर्ण भंडार एवं मनियार मठ ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया। प्रशिक्षुओं ने बारीकी से इन प्राचीन स्थलों को अपनी आंखों से देख कर एवं हाथों से छू कर अनुभव किया है। राजगीर का विश्व शांति स्तूप बिहार ही नहीं बल्कि हमारे देश का एक अनूठा धरोहर है, जहां पूरे विश्व भर से  बौद्ध भिक्षुओं के अलावा सभी धर्म संप्रदाय के लोग पहुंचते हैं। सौंदर्यीकरण के बाद इसने अंतरराष्ट्रीय पटल पर  अपनी अमिट छाप छोड़ी है।  गौरतलब है कि स्तूप के चारों दिशा में  बुद्ध की चार स्वर्ण प्रतिमाएं स्थापित की गई है जो जन्म , ज्ञान, उपदेश एवं परिनिर्वाण को दर्शाता है। वहीं सोनभंडार ऐतिहासिक स्थल, मौर्य काल से जुड़ी संरचना है। इसकी कहानी हर्यक वंश के संस्थापक बिंबिसार से जुड़ी हुई है बताया जाता है कि बिंबिसार का विशाल खजाना आज भी इसके अंदर छुपा हुआ है। जबकि मनियार मठ “आदि तीर्थ स्थल”  है । यह बेलनाकार मंदिर का भग्नावशेष है , पाली ग्रंथों के अनुसार यह राजगीर के मनीनाग देवता का मंदिर बताया गया है। प्रशिक्षु जिन ऐतिहासिक प्रसंगों को किताबों में पढ़ते थे उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखने का मौका मिला। संस्थान की निदेशिका डॉ शाहिना खान  ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण प्रशिक्षुओं एवं छात्रों को प्रत्यक्ष अनुभव कराता है और जो उन्हें जीवन भर स्मरण रहता है यही वजह है कि पर्यटन शिक्षण विधि पठन-पाठन कार्य के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा की शैक्षिक परिभ्रमण से शिक्षार्थियों में नए विचार प्रेषित होते हैं। यह शैक्षिक परिभ्रमण एकेडमिक कोऑर्डिनेटर शिलनिधी के नेतृत्व में पूरी की गई। शैक्षिक यात्रा में बीएड सत्र 2022-24 के प्रशिक्षुओं के साथ उनके मेंटोर भी मौजूद रहे।


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