पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शिवहर के समाहरणालय मैदान में जल-जीवन-हरियाली यात्रा अंतर्गत जागरूकता सम्मेलन में 137 करोड़ की लागत से 167 विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास रिमोट के माध्यम से किया, जिसमें 107 करोड़ की लागत से 117 योजनाओं का उद्घाटन एवं 29.50 करोड़ की लागत से 50 योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले आप सबों का जल-जीवन-हरियाली जागरुकता सम्मेलन में उपस्थिति के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि अन्य वक्ताओं ने अभी इस अभियान के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें आप से कही है। उन्होंने कहा कि जब से आपने काम करने का मौका दिया है, हम आपकी सेवा में लगे हैं। आपकी सेवा करना ही हमारा धर्म है। न्याय के साथ विकास का कार्य कर रहे हैं। हर इलाके और हर तबके का विकास में हम लगे हैं किसी की उपेक्षा नहीं की गई है। सबों के कल्याण के लिए काम किया जा रहा है। मुख्यधारा में लाने के लिए कुछ वर्गों के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अति पिछड़ा/अल्पसंख्यक/महिलाओं के लिए कई योजनाएँ चलायी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं में जागरुकता एवं एकता लाने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। विश्व बैंक से कर्ज लेकर पहले यह राज्य के 06 जिले एवं 44 प्रखंडों में इसे लागू किया गया और बाद में नई पद्धति के साथ पूरे राज्य में इसे जीविका के नाम से लागू किया गया। उस समय की केंद्र सरकार ने इसी पद्धति को अपनाकर आजीविका नाम से लागू किया। अभी तक 9 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उससे 01 करोड़ से ज्यादा परिवारों को जोड़ा जा चुका है। 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। महिलाओं को पुलिस में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। सात निश्चय योजना के अंतर्गत सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। बच्चियों को 5 वें क्लास के बाद भी स्कूल जाने के लिए पोशाक योजना चलायी गई और बाद में साईकिल योजना चलायी गई। लड़कियों के साईकिल से स्कूल जाने के कारण पूरे समाज का वातावरण बदला। उन्होंने कहा कि हम अपनी यात्रा के दौरान हो रहे कार्यों का जमीनी स्तर पर आकलन करते हैं। कल मुजफ्फपुर में वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिले से संबंधित समीक्षा बैठक करेंगे, जिसमें जनप्रतिनिधिगण अपनी-अपनी समस्याएं रखेंगे। समीक्षा बैठक में सरकार के सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन हो रहा है इसका असर बिहार पर भी असर दिख रहा है। बिहार में मॉनसून के समयावधि में भी बदलाव आया है। पहले मॉनसून की शुरुआत 15 जून तक हो जाती थी लेकिन अब वह भी समय पर नहीं हो रहा है। जहां पहले औसत वर्षा 1200 से 1500 मिमी तक थी। पिछले तीस वर्षों में यह 1027 मिमी पर आ गया है और पिछले 13 वर्षों में औसत वर्षापात 901 मिमी हो गया है। कभी असमय वर्षा, कभी अधिक वर्षापात, कभी सुखाड़ की स्थिति बनती है। वर्ष 2007 में 22 जिलों में आयी बाढ़ से ढाई करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। बाद में कोसी त्रासदी हुई। पीड़ितो के राहत के लिए काम किए गए। आपदा प्रबंधन के बेहतर इंतजाम किए गए हैं, राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। पिछले वर्ष 534 में 280 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किए गए। इसी वर्ष जुलाई माह में काफी वर्षा हुई। फिर अगले माह सूखाड़ की स्थिति बनी औऱ बाद में अधिक वर्षापात से बाढ़ की स्थिति बनी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली आज के समय में कितना प्रासंगिक हो गया है। जलवायु में परिवर्तन आ रहा है। 13 जुलाई को सभी दलों के विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ इस पर गहन मंथन कर जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के महत्व को हम सबको समझना होगा। जीवन के एक तरफ जल है तो एक तरफ हरियाली है। जल और हरियाली है तभी जीवन बचेगा। जीवन के संरक्षण के लिए जल और हरियाली दोनों के लिए हम सबको मिल जुलकर काम करना होगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है और इस पर तीन वर्ष में 24 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान में 11 अव्यव शामिल किए गए हैं। इस अभियान के अंतर्गत सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा औऱ अतिक्रमण मुक्त कराकर जीर्णोद्धार भी कराया जाएगा। सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार, चापाकल को भी दुरुस्त रखा जाएगा। सार्वजनिक कुओं एवं चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण कराया जाएगा। सभी सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग के माध्यम से जल संचयन कर जल को भूमि के नीचे पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बंटवारे के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रहा। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और 19 करोड़ पौधे लगाए गए और राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत पहुंच गया है। अगले तीन वर्षों में 8 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मौसम के बदलाव के अनुकूल फसल चक्र अपनाए जाने की जरुरत है। इसके लिए बोरलॉग इंस्टीच्यूट ऑफ साउथ एशिया का भाग पूसा, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा, बिहार कृषि विश्वविद्याल, सबौर एवं आईसीएआर की पटना शाखा मिलकर इसके लिए काम कर रही है। आगे उन्होंने कहा कि फसल अवशेष को जलाने की जरुरत नही है। फसल अवशेष जलाने से खेत भी बेकार हो जाते हैं और पर्यावरण पर भी संकट आता है। फसल अवशेष को चारे के रुप में उपयोग करने की जरुरत है। हमलोग ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि किसानों को फसल से ही आमदनी नहीं होगी बल्कि फसल अवशेष से भी आमदनी होगी। गाय और भैंसों की संख्या को बढ़ाने के लिए भी हमलोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर घर बिजली पहुंचा दी गई है, किसानों को भी बिजली कनेक्शन अलग से कृषि फीडरों के माध्यम से दिया जा रहा है। पहले डीजल के माध्यम से जहां किसानों को पटवन में 100 रुपए खर्च करने पड़ते थे अब उसकी जगह पर पटवन के लिए किसानों के 5 रुपए खर्च होंगे। जर्जर तार को भी बदला जा रहा है। लेकिन हम सभी को सौर ऊर्जा जो कि अक्षय ऊर्जा है उसके लिए काम करना होगा। सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाए जा रहे हैं। आज भ्रमण के दौरान भी निजी तौर पर भी लोग अपने भवनों पर सोलर प्लेट लगा रहे हैं यह देखकर मुझे खुशी हुई। सौर प्लेट का इस्तेमाल कर सौर ऊर्जा की खपत को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी की गई। पहले गाढ़ी कमायी का बड़ा हिस्सा शराब पीने में लोग गंवाते थे, परिवार में अशांति का माहौल रहता था। शराबबंदी के बाद समाज में काफी बदलाव आया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के वर्ष 2018 के रिपोर्ट में शराब के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा की है। उसमें बताया गया है कि जितनी मौतें होती हैं उसमें 5.3 प्रतिशत मौतें शराब से होती हैं। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों की होने वाली मृत्यु में 13.5 प्रतिशत मौत शराब से होती है। उन्होंने कहा कि सतत् जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से 60 हजार से 1 लाख रुपए तक की मदद वैकल्पिक रोजगार के लिए की जा रही है। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। बाल विवाह से उत्पन्न बच्चे बौनेपन के शिकार होते हैं और महिलाएं कई बीमारियों की शिकार होती है। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी 2020 को जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में और बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ एवं शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में मानव श्रृंखला में आप सब शामिल होकर अपनी प्रतिबद्धता दर्शाएं। 16 हजार किलोमीटर तक बनने वाली इस श्रृंखला में आप सब उस दिन 11.30 बजे से 12 बजे तक एक दूसरे का हाथ पकड़कर अपनी एकजुटता दिखाएं। उन्होंने कहा कि आप सब समाज में प्रेम-भाईचारा शांति के साथ रहें। किसी भी वर्गों की अनदेखी नहीं होगी। अल्पसंख्यक समाज की उपेक्षा नहीं होगी। बिहार के बाहर के लोग पहले लोग बिहारी कहलाने में हिचकते थे लेकिन अब अपने आप को शान से बिहारी कहते हैं।
हमलोग हर घर बिजली पहुंचाए, हर घर नल का जल अगले साल अगस्त माह तक पहुंचा देंगे। हर घर शौचालय का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। अगर पीने का शुद्ध जल उपलब्ध हो जाए और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से निजात मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में हमलोगों के अच्छे कामों को केंद्र सरकार भी अपना रही है। इन दोनों योजनाओं हर घर बिजली, हर घर नल का जल की योजनाओं को भी केंद्र ने अपनाया है। उन्होंने कहा कि सड़क पुल पुलियों का सिर्फ निर्माण ही कराया जा रहा है बल्कि उसके रख रखाव की भी नीति बनायी गई है और उसे लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलजुलक रहेंगे और आगे बढ़ेंगे तो बिहार की इज्जत और बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री को पौधा, प्रतीक चिन्ह, बड़ी माला, अंग वस्त्रएवं पगड़ी भेंटकर स्वागत किया गया। जल जीवन हरियाली अभियान पर आधारित एक संकलित पुस्तक का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया।
कार्यक्रम के शुरुआत के पूर्व शिवहर जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। कृषि यांत्रिकी योजनानर्तग कृषि बैंक की स्थापना हेतु लाभुकों को चेक भी दिया। मुख्यमंत्री ने शिवहर जिले के जल-जीवन-हरियाली अभियान रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।