धनबाद : तोपचाची के आदिम जनजाति बहुल क्षेत्र चलकरी गांव में सोमवार (27 अगस्त) को बिरहोर समुदाय के कल्लू बिरहोर की 26 वर्षीय पत्नी सावित्री बिरहोर की मौत इलाज के अभाव में हो गई। स्थानीय लोगों की माने तो 20 दिन पूर्व उसे घर में ही प्रसव हुआ था। प्रसव के चौथे दिन उसके बच्चे की मौत हो गई थी| उसी समय से वह लगातार बीमार चल रही थी। सरकारी उपेक्षा और आर्थिक तंगी के कारण उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि इस गांव में बिरहोर समुदाय के तकरीबन 200 लोग रहते हैं| कमोवेश सभी की आर्थिक स्थिति दयनीय है| सरकारी योजनाओं से मरहूम और जीविकोपार्जन का स्थायी साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण इस गाँव में रहनेवाले बिरहोर समुदाय के लोग आर्थिक तंगहाली और फटेहाली के बीच जीवन बसर करने को विवश हैं| हालांकि अन्नपूर्णा योजना के तहत इन्हें हर माह राशन मयस्सर हो रहा है जिनसे इनकी जीवन की डोर बंधी हुई है|
परिजनों ने बताया कि तबीयत अधिक खराब होने पर उसे तोपचाची सीएससी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया जहां से चिकित्सकों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया। ऐसे में आर्थिक तंगी और जानकारी के अभाव में उसे सीएचसी से पीएमसीएच ले जाने में परिजन अक्षम थें| इसके बाद मदद के लिए सिविल सर्जन धनबाद से फोन के जरिये सम्पर्क करने की कोशिश की गयी, बार-बार रिंग होने के बावजूद भी उन्होंने फोन रिसीव नही किया। तब थक-हारकर न चाहते हुए भी परिजन उसे घर ले कर चले गए जहाँ उसकी इलाज के अभाव में मौत हो गयी|