इंसानों के विकास क्रम के विषय में वैज्ञानिकों के मत भिन्न-भिन्न हैं। कुछ के साक्ष्य प्राप्त हैं, जबकि कई के बारे में अध्ययन जारी है। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने निएंडरथल मानवों के बारे में अहम जानकारी का पता लगाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि निएंडरथल मानवों को अक्सर खराब आसन के रूप में दिखाया जाता है, जबकि हकीकत यह है कि वे आधुनिक मानवों की तरह सीधे चलते थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये गुफा मानव हमारे अब तक के अनुमानों की तुलना में आधुनिक मानवों से अधिक समानता रखते थे।
स्विट्जरलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख के शोधकर्ताओं द्वारा अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। शोधकर्ताओं ने फ्रांस में पाए गए निएंडरथल मानवों के कंकालों की रीढ़ और आकृति का अध्ययन किया। इसके आधार पर उनका कहना है जिन मानवों को हम झुक कर चलने वाला मानते थे, वे वास्तव में हमारी तरह सीधे खड़े होते थे और सीधा चलते थे।
निएंडरथल मानव होमो वंश का एक विलुप्त सदस्य है। जर्मनी में निएंडर की घाटी में इस आदिमानव की कुछ हड्डियां प्राप्त हुईं थीं, जिसके आधार पर इनका नाम निएंडरथल मानव रखा गया था। माना जाता है कि इनका कद अन्य मानवजातियों की अपेक्षा छोटा था। अभी तक के अध्ययनों से प्राप्त जानकारियों के मुताबिक, इनका कद 4.5 से 5.5 फिट तक था। यह पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका में रहते थे। पुरातत्वविदों का कहना है कि यह लगभग 1.60 लाख वर्ष पूर्व धरती पर रहते थे। इनका श्रेणी विभाजन मनुष्य की ही एक उपजाति के रूप में किया जाता है। 2007 में किए गए अध्ययनों से यह पता चलता है कि इनके बालों का रंग लाल तथा त्वचा पीली थी।
शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर से एक मॉडल तैयार किया, जिसमें निएंडरथल से जुड़ी कई जानकारियां दर्ज थीं। इनकी गर्दन की बनावट, मोड़ आदि को इसमें दर्ज किया गया था। इसके अलावा निएंडरथल मानव के कंकालों से जुड़ी जानकारी भी इसमें दर्ज की गई। इसके आधार पर कंप्यूटर मॉडल तैयार किया गया, जिसमें सामने आया कि ये मानव आधुनिक मानवों की तरह ही सीधे खड़े होकर चलने में दक्ष हो गए थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह नई जानकारी हमें मानव विकास क्रम को समझने में मददगार साबित होगी। इससे प्राचीन मानवों के बारे में और बेहतर तरीके से पता चल सकेगा।