आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से करोड़ों गरीबों को मिलेगा लाभ : नीतीश कुमार

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना : राज्यपाल लालजी टंडन एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुभारंभ के अवसर पर पटना के अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में आयोजित समारोह का दीप प्रज्ज्वलन कर विधिवत शुभारंभ किया। इस योजना के अंतर्गत राज्य में लगभग 1 करोड़ 8 लाख परिवार जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से 99,58,392 एवं शहरी क्षेत्रों से 8,65,916परिवार सम्मिलित हैं। योजना हेतु लाभार्थी परिवारों का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 में निर्धारित पात्रता के आधार पर की गई है। इस शुभारंभ समारोह में स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को पुष्प, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुभारंभ के लिए बधाई दी| उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री रांची से कर रहे हैं| आयुष्मान भारत योजना की जानकारी वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण से ही मिल गयी थी, उस समय भी हमने कहा था कि यह बहुत ही अच्छी योजना है| इसके अंतर्गत एक साल में एक परिवार को पाँच लाख रूपये की मदद किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज कराने पर दी जाएगी| इससे उत्साहवर्द्धन बात क्या हो सकती है| उन्होंने कहा कि आज इस योजना का शुभारंभ हो रहा है यह काफी प्रसन्नता की बात है| बिहार में आज से यह योजना लागू हो गई, इसका मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है| मेरी एक ही अपेक्षा है कि इस योजना का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से होना चाहिए ताकि जरुरतमंदों तक इसका लाभ ससमय पहुँच सके|

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवम्बर 2005 में जब हमें काम करने का मौक़ा मिला उसके बाद निरंतर स्वास्थ्य सुधार की दिशा में अनेक काम किए गये| उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उस समय से हमने काम शुरू किया जब सरकारी अस्पतालों पर से लोगों का भरोसा उठ चुका था| जब हमने बिहार की कमान संभाली तब एक सर्वे कराया उसमे यह बात सामने आई कि प्रखंड स्तर पर जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है उसमे महीने में औसतन 39 मरीज अपना इलाज कराने पहुँचते हैं| तब हमने फैसला लिया कि जो भी व्यक्ति सरकारी अस्पताल में इलाज कराने जाएगा उसे निःशुल्क दवा भी मुहैया करायी जाएगी| इसकी लॉन्चिंग अगस्त 2006 में उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री भैरो सिंह शेखावत के कर कमलों से करायी गयी| उसके बाद उसी वर्ष 2006 के नवम्बर-दिसंबर में पुनः सर्वे कराया गया तो देखा गया कि एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 39 से बढ़कर प्रतिमाह 1500 से 2000 हो गयी| अद्यतन आंकड़ों को देखे तो प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 11 हजार है|

इसके पश्चात मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का गठन किया गया, जिसके तहत 2.5 लाख रूपये तक की आय वाले परिवारों को इलाज के लिए 10 लाख रूपये तक की मदद मुहैया करायी जाती है| आज आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत हुई है| इसके तहत 5 लाख रूपये तक की सहायता सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज करानेवाले लोगों को मिलेगा| इस योजना को लागू कराने के सन्दर्भ में बात सामने आई कि इसे बीमा कंपनियों से कराया जाए या कोई अन्य माध्यम अपनाया जाय, तब इसे हमलोगों ने अपने माध्यम से लागू करने की बात कही| उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता के लिए जो भी आवेदन प्राप्त होते हैं उसपर तत्काल अग्रतर कार्रवाई होती है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सभी को मिले हम तो यही चाहेंगे| इसके लिए स्वास्थ्य विभाग मेहनत भी कर रहा है| इस योजना की जानकारी सभी लोगों को हो इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है| उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के अंतर्गत जो आंकड़े आयें हैं, उन सभी लोगों तक इसकी जानकारी हर हाल में पहुँचनी चाहिए| एस0ई0सी0सी0 में शामिल लोगों की सूची एवं इस योजना से जुड़े अस्पतालों की सूची की जानकारी से लोगों को अवगत कराना होगा| उन्होंने कहा कि जब मुझे काम करने का मौक़ा मिला, उस समय पटना का आई0जी0आई0एम0एस0 बंद होने के कगार पर था| उसके बाद काफी काम किया गया और अब वह 2500 बेडों वाले अस्पताल के रूप में परिणत होने वाला है| पी0एम0सी0एच0 को 5000 बेडों वाला अस्पताल बनाने के लिए हम संकल्पित हैं, जिसका डी0पी0आर0 तैयार है| गंगा पथ और एलिवेटेड रोड  से भी उसे लिंक किया जाएगा ताकि पी0एम0सी0एच0 बिना किसी अवरोध के आसानी से पहुँचा जा सके| इसके अलावा आई0सी0यु0, इमरजेंसी, इक्यूपमेंट आदि का प्रबंध किया जाएगा| अस्पताल में सेवारत स्टाफ के रहने की भी समुचित व्यवस्था होगी| बहुमंजिला इमारत बनेगी| उन्होंने कहा कि बिहार में पाँच नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है| आनेवाले दिनों में चिकित्सकों के साथ ही पारा मेडिक स्टाफ की भी आवश्यकता होगी| इसके लिए ए0एन0एम0 स्कूल की भी स्थापना की जा रही है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी योजनायें राज्य में चल रही है वह निरंतर चलती रहेगी| इसके अतिरिक्त केंद्र की यह आयुष्मान भारत योजना शुरू हुई है इसका लाभ बिहार सहित पूरे देश को होगा| उन्होंने कहा कि इस योजना से लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध होगी साथ ही गरीब तबके से जुड़े परिवारों की आर्थिक स्थिति में भी बेहतरी आएगी| गरीब परिवार जो इलाज में खर्च करता था अब उस पैसे का उपयोग अन्य कामों में करेंगे| उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पूरी पारदर्शिता के साथ इसका लाभ लोगों को मिलेगा| इसके लिए प्रोपर मॉनिटरिंग करना पड़ेगा ताकि सही मायने में इलाज करानेवाले लोगों तक इसका फायदा पहुँच सके| उन्होंने कहा कि जो भी निजी अस्पताल इस आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं उन्हें पूरी (डेडीकेशन) प्रतिबद्दता के साथ लोगों की सेवा करनी होगी| नई योजना लागू करने के बाद कई तरह की समस्याएं सामने आती है| आयुष्मान भारत योजना के सन्दर्भ में जो भी समस्याएं सामने आएगी उसमे जो भी सुधार की गुंजाइश होगी उसके लिए हम पहल करेंगे|

झारखण्ड के रांची स्थित प्रभात तारा मैदान में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयुष्मान भारत योजना के शुभारंभ का लाइव प्रसारण पटना के ज्ञान भवन में मुख्यमंत्री सहित उपस्थित अतिथियों ने देखा। वही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ज्ञान भवन में आयोजित उद्घाटन समारोह से बिहार के सभी जिलों से जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी जुड़े थे| कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित मंच पर उपस्थित अतिथियों ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों के बीच गोल्डेन रिकॉर्ड का वितरण किया|

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आयुष्यमान भारत योजना गरीबों के लिए वरदान है। बिहार के 1 करोड़ 8 लाख 24 हजार परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मरीज जैसे ही अस्पताल पहुंचता है, डॉक्टर एक मिनट भी इलाज में देरी नहीं करेंगे। अगर डॉक्टर को लगता है कि जांच के बाद इलाज किया जाएगा तो मरीज जांच के लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट करेगा। रिक्वेस्ट के 30 मिनट के अंदर उसे क्लीयरेंस मिल जाएगी। अगर कोई मरीज इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचता है, तो बिना दे किए पहले डॉक्टर उसका इलाज करेंगे। बाद में सारी प्रक्रियाएं पूरी की जाएगी। हमारा लक्ष्य है एक भी गरीब स्वास्थ्य लाभ से वंचित नहीं रहे।

 


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