कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है| वह कांग्रेस पार्टी के पहले अध्यक्ष हैं जो चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश के सभी 30 जिलों में पहुंचे| राहुल गांधी शुक्रवार को कोडागु जिले के गोनीकोप्पा पहुंचे थे| राहुल ने अपने कर्नाटक चुनाव प्रचार की शुरुआत बेल्लारी से करीब 100 दिन पहले की थी अब वह राज्य के लगभग हर हिस्से में जा चुके हैं| वह तटों से पहाड़, उत्तर से दक्षिण तक हर इलाका माप चुके हैं| वह प्रदेश के हर बड़े शहर, हर बड़े कस्बे का दौरा कर चुके हैं| कर्नाटक में उन्होंने ज्यादातर सफर एक स्पेशल बस से किया और वह लोगों से आसानी से मिलते नजर आए| उन्होंने बेल्लारी से गुलबर्ग तक 400 किलोमीटर से ज्यादा का सफर बस से तय किया, इस दौरान कई जगहों पर रुककर उन्होंने चुनावी रैली को संबोधित किया और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की| उनका पहला दौरा सफल रहा और पार्टी ने इसी फॉर्मुले पर बने रहने का फैसला किया|
राहुल ने फरवरी में लिंगायत बहुल मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का दौरा किया| इस इलाके में 7 जिले आते हैं| यह सफर भी उन्होंने ज्यादातर बस से ही तय किया, वहीं कुछेक मौकों पर हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया| अपने तीसरे, चौथे और पांचवे दौरे में भी राज्य के ज्यादातर हिस्सों का दौरा राहुल ने बस से ही किया| कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव के मुताबिक, राहुल अब तक राज्य में 3500 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं और ऊर्जा से भरे हुए हैं| उन्होंने कहा, “वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हैं| पिछले तीन महीनों में राहुल ने जब भी राज्य में चुनाव प्रचार किया हमें जनता से बेहतर प्रतिक्रिया मिली|" कर्नाटक के पार्टी कार्यकर्ता कहते हैं कि 10 सालों में कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष राज्य के इतने जिलों में नहीं पहुंचे हैं| उनका दावा है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष के लिए प्रदेश के सभी जिलों का दौरा करना एक एक रिकॉर्ड है|
कांग्रेस समर्थकों में राहुल गांधी का टेंपल रन भी काफी चर्चित हुआ था| कर्नाटक दौरे में उन्होंने 20 से ज्यादा मंदिरों और मठों में मत्था टेका था| कांग्रेस के एक सीनियर लीडर ने कहा, “ बीजेपी अफवाह फैला रही थी कि राहुल गांधी आलसी हैं, वह कड़ी मेहनत नहीं कर सकते, वह हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते आदि| लेकिन गांधी ने सबको गलत साबित किया है| बीजेपी और आरएसएस का झूठ सामने आ गया है| कर्नाटक में जनता राहुल गांधी को जो रिस्पॉन्स दे रही है उससे वे डरे हुए हैं|”
कन्नड़ एक्टिविस्ट और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल अरुण जवागल ने कहा, “हमने बीजेपी और कांग्रेस को मजबूर किया कि वे ट्रांसलेटर का इस्तेमाल करें| पहले वे हमें हिंदी में भाषण देते थे जिसे कर्नाटक के ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते थे| कांग्रेस को अब अपनी गलती का अहसास हुआ है और राहुल गांधी के हर भाषण का कन्नड़ में अनुवाद होता है| कई जगहों पर अमित शाह के भाषणों का भी अनुवाद होता है लेकिन मोदी के भाषणों का अनुवाद नहीं होता|”
कांग्रेस अध्यक्ष ने हर जिले के ब्लॉक और जिला अध्यक्षों से भी मुलाकात की है और चुनावी परिस्थितियों पर चर्चा की है| जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “उन्होंने जिला स्तर के और स्थानीय नेताओं के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश की है| पहले ऐसा नहीं होता था| अब हम खुश हैं| वह हमारी बात सुनने के बाद फैसला करते हैं|” पार्टी के लोग बताते हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें राहुल गांधी में काफी बदलाव दिख रहा है| वह ऊर्जा से भरे हैं और कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं| राहुल की मेहनत का फल जनता वोट के रूप में देती है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा|