भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है। भारत-चीन सीमा पर व्याप्त तनाव के बीच चीन की ओर से कहा गया है कि भारतीय सेना ने तीन हिलटॉप पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण चीनी सेना PLA ने भारत के ठाकुंग इलाके के पास सैनिकों की संख्या को बढ़ाया है| चीन के इस आरोप को भारत ने सिरे से खारिज करते हुए इसे नकार दिया है| चीन की ओर से बॉर्डर पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई, लेकिन भारत ने अपनी मौजूदगी को सख्त किया| साथ ही ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप के पास चीनी सेना ने मौजूदा स्थिति को बदलने की कोशिश की| वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने भारत-चीन सीमा की स्थिति का जायजा लिया।
दोनों देशों के बीच हुई ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत में चीन ने लगातार ये मसला उठाया है कि भारत ने हिलटॉप पर कब्जा किया है| लेकिन इसी बैठक में भारत ने भी चीन की घुसपैठ का विरोध किया| भारत में मौजूद चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि भारतीय सैनिकों ने पेंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर एक बार फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा को अवैध रूप से पार करने की कोशिश की। चीन ने सीमावर्ती सैनिकों को नियंत्रित और सीमित करने का आग्रह किया गया है। अगर चीन के दावे को सही मानें तो भारत ने जिस रेकिन ला पर कब्जा किया है वो चीनी क्षेत्र के तीन किलोमीटर अंदर तक है|
भारत ने राफेल की तैनाती की है जिसे देखते हुए चीन ने भी सीमा पर लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन की सेनाओं के बीच फिर हुई उकसावे की कार्रवाई से पहले चीन ने लद्दाख इलाके में जंगी विमान तैनात किए थे। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना ने लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के पास अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान जे-20 को फिर से तैनात कर दिया था। ये विमान अब भी उस इलाके में व्यापक उड़ान भर रहे हैं। चीनी दूतावास की ओर से बयान में कहा गया कि 31 अगस्त को भारतीय सेना के जवानों ने पिछले समझौतों को तोड़ा और घुसपैठ की कोशिश की| हालांकि, भारतीय सेना की ओर से 31 अगस्त के ऑपरेशन को लेकर किसी तरह का खुलकर जवाब नहीं दिया गया| चीन ने 29-30 अगस्त को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की जिसे भारतीय सेना के जांबाजों की मुस्तैदी के कारण असफल कर दिया गया।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन को अपने मतभेदों को काबू में करने की जरूरत है और उन्हें संघर्ष में बदलना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजिंग हमेशा से विवादित चीन-भारत सीमा के साथ स्थिरता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चीन भारत से बातचीत करना चाहता है, ताकि नई दिल्ली के साथ चल रहे मतभेदों को हल किया जा सके। सीमा पार जारी तनाव के लिए वांग ने भारत को जिम्मेदार ठहराया।