शंख्नाद: बिहार में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2019 को लेकर बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कदाचार मुक्त परीक्षा की व्यवस्था तमाम केंद्रों पर की गयी थी। सभी केंद्रों पर जैमर और सीसीटीवी से नजर रखी गई। सभी अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करवायी गयी। लेकिन इसका विरोध कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों द्वारा किया गया। प्रश्न पत्र देरी से केंद्रों पर दिये जाने के सवाल पर बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्न पत्र पांच से दस मिनट देरी से दिया गया। जितनी देर से प्रश्न पत्र दिया गया उतना अतिरिक्त समय अभ्यर्थियों को दिया गया।
दो लाख 47 हजार ने भरा था फार्म
राज्यभर से दो लाख 47 हजार 241 परीक्षार्थी ने फार्म भरा था। कुल 317 परीक्षा केंद्र राज्य भर में बनाये गए थे। प्रथम पाली में एक लाख 81 हजार 738 परीक्षार्थी शामिल हुए। वहीं दूसरी पाली में लगभग 65 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। पटना जिला की बात करें तो 29 केंद्र पर कुल 26 हजार 722 परीक्षा में शामिल हुए। प्रथम पाली में 17 हजार 571 और दूसरी पाली में 8851 ने परीक्षा दी।
देर से परीक्षा शुरू होने पर प्रदेश के कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। हंगामे के कारण चार केंद्रों की परीक्षा रद्द कर दी गई। बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारी की संस्तुति पर एलपी शाही कॉलेज मुजफ्फरपुर, महिंद्र महिला कॉलेज गोपालगंज और आरएम कॉलेज सहरसा केंद्र की पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दी। वहीं, एएन कॉलेज पटना केंद्र की दूसरी पाली की परीक्षा रद्द की गयी है।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि जिन केंद्रों की परीक्षा रद्द की गयी है, वहां परीक्षा अब फरवरी अंतिम सप्ताह में ली जाएगी। परीक्षा रद्द होने से 4500 अभ्यर्थी दोबारा परीक्षा देंगे। इनका रिजल्ट सभी के साथ में ही जारी होगा।