सिडनी। अपने पहले टेस्ट में फ्लॉप रहने के कारण आलोचनाओं का सामना करने वाले युवा भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल अपने दूसरे टेस्ट में ही पहला शतक जडऩे से राहत महसूस कर रहे हैं। कर्नाटक के इस 22 वर्षीय बल्लेबाज ने चौथे और अंतिम टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, 'इससे अच्छा महसूस कर रहा हूं। मेलबर्न में वैसा पदार्पण नहीं रहा जिसकी मैंने उम्मीद की थी। मैं यह सोचकर बल्लेबाजी करने उतरा था कि यह मेरा पहला मैच है और मैंने जिस तरह की बल्लेबाजी की उससे संतुष्ट हूं। शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने से मुझे कुछ अधिक समय मिला। मैंने क्रीज पर कुछ समय बिताने की कोशिश की। मैं खुद से लगातार कहता रहा कि मुझे पहले सत्र में पूरे समय बल्लेबाजी करनी है जिससे कि मैं दूसरे सत्र में आकर अधिक रन बना सकूं। राहुल ने पहले टेस्ट में छठे और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी और दोनों मौकों पर वह बल्ले का ऊपरी हिस्सा लगने से कैच देकर पवेलियन लौटे। राहुल ने कहा, 'मैं अपने उपर गर्व करने से अधिक राहत महसूस कर रहा हूं। मेरा पदार्पण बुरे सपने की तरह था। मैंने इसके बाद आसान कैच टपकाया। मैं खुद से लगातार कह रहा था मुझे अब धैर्य दिखाना होगा। निश्चित तौर पर बल्लेबाजी क्रम में उपर खेलने से मुझे कुछ अधिक समय मिला।