सरकार ने आज भूमि अधिग्रहण विधेयक में सुधार पर विचार करने का संकेत देते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व विपक्षी दलों के सम्पर्क में है और उनका सुझाव आने पर विचार किया जायेगा। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह इस जटिल मुद्दे पर अच्छे और व्यावहारिक सुझाव पर विचार करने को तैयार है। संप्रग सरकार के समय लाये गए भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ कांग्रेस के कई नेताओं और तत्कालीन वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के पत्रों का जिक्र करते हुए वेंकैया ने विपक्षी दलों से नए विधेयक की व्यावहारिकता को समझने और इसे पारित कराने में सहयोग की अपील की। संसदीय कार्य मंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, सरकार ने इस बारे में राय प्राप्त होने के बाद कानून में संशोधन किया। अब कुछ लोग बदलाव के बारे में बात कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि ऐसा होना चाहिए, वैसा नहीं होना चाहिए। हमारा शीर्ष नेतृत्व विपक्षी दलों से चर्चा कर रहा है। सरकार उनके सुझावों का अध्ययन करेगी और जो अच्छा होगा, करेगी। वेंकैया ने कहा, हम पहले ही कह चुके हैं कि जमीनी स्तर से अच्छे और व्यवहारिक सुझावों पर विचार किया जायेगा। सरकार ने नये भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कल कांग्रेस के आक्रमण की हवा निकालने का प्रयास करते हुए 2012 में इन उपायों पर आनंद शर्मा की कड़ी आपत्तियों का उल्लेख किया जिसमें शर्मा ने कहा था कि संप्रग के पुराने विधेयक से दीर्घकालीन प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल राज्यसभा में कहा था कि तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस बारे में अपनी चिंताओं के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हस्तक्षेप करने की मांग की थी और कहा था कि इससे न केवल जमीन की कीमत काफी बढ़ जायेगी बल्कि अधिग्रहण एक तरह से असंभव हो जायेगा।