वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए कहा है कि मोदी सरकार के पिछले एक साल के कार्यकाल में जीएसटी संग्रह में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है| वित्त वर्ष 2018-19 में वस्तु एवं सेवा कर का संग्रह बढ़कर 5.18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है| यह वित्त वर्ष 2017-18 के 2.91 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले बहुत ज्यादा है. मोदी सरकार की दूसरी पारी में जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई थी.
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद यह दूसरा बजट है और केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के लिए 82 हजार 845 करोड़ रुपये ज्यादा दिए गए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट सरकार की मंशा को दर्शाता है जिससे कृषि, सोशल सेक्टर, स्वास्थ्य, एजुकेशन क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार के कुल व्यय में 3.44 लाख करोड़ का इजाफा हुआ है जो कि पहले से ज्यादा है
वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च अधिकार वाले जीएसटी परिषद ने देश में कर अनुपालन में सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ समय से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जीएसटी संग्रह में लगातार सुधार हो रहा है. वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था और 17 स्थानीय करों का इसमें विलय कर दिया गया था.