सरकारी कर्मी का दर्ज देने की मांग करते हुए गुरुवार को आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने राजधानी स्थित चितकोहरा के पास सड़क जाम कर धरने पर बैठ गयीं. बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त समिति के बैनर तले किये जा रहे चरणबद्ध आंदोलन के कारण सूबे के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पठन-पाठन सहित अन्य कार्य पूर्णत: ठप हैं. 15 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं का कहना है कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा तब तक तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया जायेगा. आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं द्वारा चितकोहरा के पास सड़क जाम कर दिये जाने से आवागमन अवरुद्ध हो गया है.
सेविका और सहायिकाओं ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, सेविका को तृतीय और सहायिका को चतुर्थ श्रेणी में समायोजित करने, सेविका को 18 हजार रुपये और सहायिका को 12 हजार रुपये मानदेय देने समेत 15 सूत्री मांगें हैं. प्रदर्शनकारी सेविकाओं व सहायिकाओं ने मांगे पूरी होने तक धरना-प्रदर्शन किये जाने की बात कही. आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटक गया है. इस कारण गरीब बच्चों को पोषाहार भी नहीं मिल पा रहा है. वहीं, गर्भवती और धातृ महिलाओं को टीएचआर का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है.