शिक्षा मंत्री ने माना, भ्रष्ट हैं राज्य के लोकसेव

रिपोर्ट: साभार

पटना : शिक्षा मंत्री पीके शाही शुक्रवार को एक बार फिर सरकारी तंत्र की खामियों पर अपनी लाचारी जतायी. उन्होंने कहा कि सभी लोकसेवकों ने मान लिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होना उनका मौलिक अधिकार है. दरअसल, शिक्षा मंत्री विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद संजय कुमार सिंह और दिलीप कुमार चौधरी के बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसइबी) से संबंधित ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे. इन दोनों सदस्यों ने बीएसइबी में कैलेंडर जारी नहीं किये जाने और अन्य कई मामलों में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला उठाते हुए सुधार की मांग की थी. मंत्री ने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, तो यह एक सामाजिक बुराई है. जब कोई देनेवाला नहीं होगा, तो लेगा कौन? इसे कानून से रोकना संभव नहीं है. कानून पहले से ही बना हुआ है. उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक राज्य के पात्रता रखनेवाले सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों को अनुदान भेज दिया जायेगा. करीब 90 प्रतिशत स्कूलों में अनुदान बंट जाने की उम्मीद है. अभी तक राज्य के 432 माध्यमिक और 418 उच्च माध्यमिक स्कूलों में प्रबंध समिति का गठन किया जा चुका है. शेष में गठन का कार्य तेजी से चल रहा है. प्रबंध समिति नहीं होने के कारण भी कई स्कूलों में अनुदान नहीं बंट पा रहा है. कई स्थानों से अनुदान के रुपये का गलत तरीके से बंटवारा होने की शिकायत मिली है. सरकार ने यह ध्यान रखा है कि सभी सही स्कूलों को समान अनुदान मिले. उन्होंने कहा कि 662 माध्यमिक और 73 उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए अनुदान के रुपये जारी कर दिये गये हैं. इन स्कूलों में 2010-14 तक का अनुदान ब्लॉक है, जिसे सरकार किस्तों में जल्द ही वितरित कर देगी. मंत्री ने कहा कि सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए कैलेंडर बनाने की प्रक्रिया चल रही है. 2015-17 के सत्र इस कैलेंडर को लागू कर दिया जायेगा. इन स्कूलों की कंप्यूटराइज्ड सूची भी तैयार की जा रही है. इस पर एमएलसी दिलीप चौधरी ने कहा कि पैसा बांटने में बहुत बड़े स्तर पर धांधली चल रही है. शिक्षकों को कॉपी जांचने का काम देने में भी रुपये लिये जा रहे हैं. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि बीएसइबी में पैसा का खेल चल रहा है. नीरज कुमार ने कहा कि मंत्री जी जितनी जल्दी हो सके बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओवरवाइलिंग कीजिए.


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