लॉकडाउन पीरियड में ठप पड़ा रोजगार : 4 माह का बिजली बिल माफ़ करे सरकार : एडीपी

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : कोरोना संकट काल में लॉकडाउन पीरियड के कारण हुई बिहार की गरीब जनता की दूर्दशा को ध्यान में रखते हुए चार महीने का बिजली बिल माफ़ करे नीतीश सरकार| यह मांग करते हुए असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने कहा है कि लॉकडाउन पीरियड से लोगों का रोजगार और व्यपार पूरी तरह से ठप होने के कारण लोग भूखमरी के कगार पर हैं| इसलिए बिजली के झटके से बिहार की जनता को बचाए सरकार| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है और बिहार के बिजली कंपनियों को बेलआउट पैकेज भी दिया है जिसका सीधा लाभ बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए| श्री यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण मार्च महीने से ही लॉकडाउन है जो 31 मई तक घोषित है| ऐसी स्थिति में कम से कम 4 महीने का बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा सरकार को तत्काल करनी चाहिए| बिहार की गरीब जनता और निम्म/मध्यम वर्ग के लोगों का आय का जरिया पूरी तरह से बंद हो गया है, ऐसे में वे लोग बिजली बिल का भुगतान कैसे और कहाँ से करेंगे?

एडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर की स्थिति में सुधार लाने की नसीहत दी है| उन्होंने कहा कि ठंडे घर में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से क्वारंटाइन केन्द्रों की बदहाली और आवासित प्रवासी श्रमिकों के दर्द की हकीकत को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है| श्री यादव ने कहा कि अगर वाकई नीतीश कुमार श्रमिकों का दर्द दूर करना चाहते हैं तो उन्हें स्वयं क्वारंटाइन केन्द्रों पर जाकर उनसे बातचीत करनी होगी| ठंडे घर और बड़े-बड़े टी0वी0 स्क्रीन पर अच्छी-अच्छी तस्वीरे देखकर मन को तसल्ली तो दी जा सकती है लेकिन मजदूरों का दुःख/दर्द दूर नहीं किया जा सकता है| राहत के नाम पर अधिकारी सिर्फ कागजी खानापूर्ति और आंकड़ों की बाजीगरी करने में जुटे हुए हैं| बिहार कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लोगों का रोजगार छिन गए हैं, जीविका के सारे साधन ठप पड़ गए हैं, हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। सरकारी मदद नहीं मिलने से जनता में काफी आक्रोश है| राहत पहुंचाने के नाम पर सरकारी खजाने का लूट मचा हुआ है|

 


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