आयुर्वेद अपनाएं, बीमारियों को दूर भगाएं,

रिपोर्ट: सभार

बीमारी आमतौर पर नाक, गले, कान, फेफड़ों और त्वचा को प्रभावित करती है। बीमारी होने पर नाक बहने, त्वचा में खुजली, आंखों से पानी आने, त्वचा पर रेशेज पड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के घरेलू उपाय बता रही हैं विनीता झा

बीमारी वह स्थिति है, जिसमें हमारा प्रतिरक्षा तंत्र काफी संवेदनशील हो जाता है और किसी भी साधारण कारक के प्रति अत्यंत तीव्र शारीरिक प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है। यह रोग का रूप ले लेती है। 

क्या हैं लक्षण
बीमारी में आमतौर पर जुकाम जैसे ही लक्षण पाए जाते हैं। इसमें नाक का बहना, गले में खराश, आंखों से पानी आना, त्वचा पर दाने आना आदि लक्षण दिखते हैं। कई लोगों में पेचिश और दस्त की भी समस्या देखी जाती है और दिल की धड़कन भी असंतुलित हो सकती है।

क्या हैं उपचार 
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर बीमारी का मुकाबला किया जा सकता है। 

हल्दी, नीम, तुलसी, काली मिर्च, लौंग, अदरक और अन्य घरेलू तौर पर उपलब्ध सामग्रियां काफी स्वास्थ्यप्रद होती हैं। इनका नियमित इस्तेमाल होना चाहिए। इन मसालों का भोजन में समावेश करना इनके उपयोग का सबसे अच्छा तरीका है। च्यवनप्राश, आंवला आदि का सेवन करें, जो शरीर में आयरन, कैल्शियम और अन्य विटामिनों की कमी को पूरा करते हैं।

वात एवं कफ को संतुलन में लाने के लिए एक खास मिश्रण का इस्तेमाल करें। इस मिश्रण में 20 मिलीग्राम त्रिकटु चूर्ण (सोंठ, पिप्पली, काली मिर्च), 250 मिलीग्राम तुलसी के पत्ते, 10 मिलीग्राम लौंग, कपूर और सूखा धनिया अच्छी तरह पीसकर डालें। इस मिश्रण में से थोड़ा-थोड़ा शहद के साथ रोज सेवन करें, काफी लाभ होगा।

 


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