राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 10 से 14 दिसंबर तक म्यांमा के दौरे पर जायेंगे जहां वह अपने समक्ष यू विन मिंत तथा स्टेट काउंसेलर दाव आंग सान सू की से चर्चा करेंगे । विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को यह जानकारी दी । राष्ट्रपति की यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति कोविंद और प्रथम महिला सविता 10 दिसंबर के नाय पी ताव पहुंचेंगे ।
उन्होंने कहा कि कोविंद 11 दिसंबर को शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे जिसमें यू विन मिंत और आंग सान सू ची शामिल हैं । राष्ट्रपति के दौरे के दौरान कई समझौते होने की संभावना है । गोखले ने कहा कि राष्ट्रपति 12 दिसंबर को अत्याधुनिक कृषि शोध एवं शिक्षा संस्थान तथा जैव पार्क का दौरा करेंगे जिसे भारत के सहयोग से तैयार किया गया है।
राष्ट्रपति और प्रथम महिला का यंगून जाने का भी कार्यक्रम है जहां वे आंग सान सू ची के पिता जनरल आंग सान के स्मारक के पास शहीद स्मारक की आधारशिला रखेंगे। राष्ट्रपति का आजाद हिंद फौज के जीवित वरिष्ठ सेनानियों से बातचीत का कार्यक्रम भी है। राष्ट्रपति का 13 दिसंबर को काली मंदिर और फिर बहादुर शाह जफर की मजार पर जाने का भी कार्यक्रम है। राष्ट्रपति का धम्म ज्योति विपश्यना ध्यान केंद्र जाने का भी कार्यक्रम है जहां वे एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे । मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति म्यांमा के साथ महत्वपूर्ण गठजोड़ को और मजबूत बनाने की भारत की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करेंगे । ’’
म्यांमा एक ऐसा देश है जहां भारत की एक्ट ईस्ट नीति और पड़ोस प्रथम की नीतियां परिलक्षित होती है । यह आसियान का एकमात्र देश है जो भारत की जमीन से जुड़ा और नौवहन पड़ोसी है । पिछले तीन वर्षों में म्यांमा के साथ भारत के राजनीतिक, आर्थिक एवं रक्षा संबंध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और दोनों देशों के शीर्ष नेताओं का एक दूसरे देश में दौरा हो रहा है । दोनों देशों की थल सेना और नौसेना का द्विपक्षीय अभ्यास भी हुआ है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष म्यांमा की यात्रा की थी जबकि इस वर्ष जनवरी में आंग सान सू ची भारत आई थीं ।