महिला आरक्षण बिल पर राहुल गाँधी ने कांग्रेस-गठबंधन सरकारों को पत्र भेजकर दिया सुझाव

रिपोर्ट: साभार

राहुल ने कांग्रेस-गठबंधन सरकारों को लिखा पत्र, महिला आरक्षण पर शीतकालीन सत्र में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में एक-तिहाई आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव को पारित करने के लिए कहा। इससे पहले राहुल ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद में मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की थी।

6 दिसंबर को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, "महिलाएं हर क्षेत्र में अपना अहम योगदान दे रहीं हैं। ऐसे में उन्हें संसद और विधानसभाओं में भी उचित स्थान मिलना चाहिए। महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब विधानसभाओं में उचित संख्या में महिलाएं प्रतिनिधि बनकर पहुंचें। संसद में महिलाओं की संख्या के मामले में भारत का स्थान 193 देशों में 143वां है। संख्या के मामले में विधानसभाओं में स्थिति और भी ज्यादा खराब हैं।" इससे पहले राहुल ने 16 जुलाई को पत्र में कहा था कि केंद्र सरकार इस पर बिल लाती है, तो कांग्रेस बिना शर्त समर्थन देगी। इसपर भाजपा ने भी पलटवार किया था। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर कांग्रेस संसद में तीन तलाक और निकाह हलाला से संबंधित बिल का समर्थन करे तो सरकार महिला आरक्षण पर कांग्रेस का साथ देगी|           

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के प्रावधान वाला बिल 2010 में यूपीए सरकार के दौरान राज्यसभा में पास हो गया था। लेकिन लोकसभा में सपा, बसपा और राजद के भारी विरोध के कारण बिल अटक गया था। पीआरएस लेजिस्लेटिव के आंकड़ों के मुताबिक 16वीं लोकसभा के 543 सांसदों में से 62 महिलाएं हैं। लोकसभा में महिला सांसदों की ये अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। 15वीं लोकसभा में 58 महिला सांसद चुनी गई थीं।


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