विजय माल्‍या को भारत लाने का रास्‍ता हुआ साफ, ब्रिटेन की अदालत ने दी हरी झंडी

रिपोर्ट: शिलनिधि

भारतीय बैंकों को 9 हज़ार करोड़ रुपये का चुना लगाकर मार्च 2016 से फरार होनेवाले किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है| विजय माल्या मामले में आज लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए प्रत्यर्पण का आदेश दिया| पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है|
आपको बता दें कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण से संबंधित सुनवाई में शामिल होने के लिए 
सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम लंदन गई है| मनोहर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की जगह सुनवाई में शामिल हुए| इससे पहले अस्थाना सुनवाई में शामिल होते रहे हैं| सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारी भी सीबीआई अधिकारी के साथ लंदन गए हैं|

हालांकि, माल्या वेस्टमिंस्टर कोर्ट के फैसले को बड़ी अदालत में चुनौती दे सकता है| अगर वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील करता है तो उसे भारत लाने में वक्त लगेगा| कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए विजय माल्या के पास 14 दिनों का समय है|

गौरतलब है कि हाल ही में माल्या ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा था और बिना ब्याज के पूरी रकम लौटाने का वादा किया था| उन्होंने ट्वीट किया था, "मैंने एक रूपया भी उधार नहीं लिया| कर्ज किंगफिशर एयरलाइन ने लिया था| कारोबार के वास्तव में और दुखद रूप से नाकाम होने पर यह धन डूबा| गारंटर होना धोखाधड़ी नहीं है|"

इससे पहले माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि वह बैंकों का मूल पैसा लौटाने के लिए तैयार है| माल्या ने ट्वीट किया था, ''उन्होंने कहा, ''पिछले तीन दशकों तक सबसे बड़े शराब समूह किंगफिशर ने भारत में कारोबार किया| इस दौरान करोड़ों की मदद की| किंगफिशर एयरलाइंस भी सरकार को भरपूर भुगतान कर रही थी| लेकिन शानदार एयरलाइंस का दुखद अंत हुआ, मगर फिर भी मैं बैंकों को भुगतान करना चाहता हूं जिससे उन्‍हें कोई घाटा न हो| कृपया ऑफर को स्‍वीकार करें|''


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