राजनाथ सिंह ने कहा, भारतीय मुसलमान देशभक्त, ऑनलाइन कट्टरपंथ गंभीर चिंता का विषय

रिपोर्ट: साभार

जयपुर : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि आतंकी अच्छा या बुरा नहीं होता है. पाकिस्तान पर जोरदार हमला करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी मुल्क आतंकवाद को अपने हित के लिए औजार के रुप में इस्तेमाल करना बंद करे. भारतीय मुसलमान देशभक्त हैं और किसी चरमपंथी विचारधारा के बहकावे में नहीं आए हैं. राजनाथ ने आतंकवाद रोधी सम्मेलन 2015 में कहा युवाओं का ऑनलाइन के जरिए कट्टरपंथ की गिरफ्त में आना गंभीर चिंता का मामला है लेकिन भारत में आइएसआइएस अपनी पैठ बनाने में नाकाम रहा है जो अच्छी बात है. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पाकिस्तान की ओर से जारी आतंकवादी गतिविधि पिछले कई दशक से झेल रहा है. आतंकी किसी भी बार्डर को नहीं मानते हैं. वे किसी देश की संप्रभुता का सम्मान भी नहीं करते हैं. वे आतंक फैलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि पडोसी देश आतंकवादियों को समर्थन देना बंद कर दे तो दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा. सिंह ने साथ ही कहा कि खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस भारतीय मुसलमानों को अपनी ओर आकर्षित करने में इसलिए असफल रहा है क्योंकि वे पूरी तरह से मुख्यधारा में शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय मुसलमान देशभक्त हैं और किसी चरमपंथी विचारधारा के बहकावे में नहीं आए हैं. चरमपंथ उनकी प्रकृति नहीं है. ’’ गृहमंत्री ने कहा कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों का सबसे बडा स्त्रोत सीमा पार है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वयं इतनी बडी कीमत चुकाने के बाद भी पाकिस्तान और उसके साथियों को यह समझने में मुश्किल हो रही है कि ‘‘अच्छे या बुरे आतंकवादी’’ जैसा कुछ नहीं है. राजनाथ ने यहां आतंकवाद रोधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘ आतंकवादियों के बीच अच्छे या बुरे वर्ग के आधार पर फर्क करने का विचार बुरी तरह असफल रहा है. यदि आईएसआई और पाकिस्तानी सेना आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद कर दें, तो मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा.’’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ भारत मुस्लिमों के सभी 73 फिरकों का घर है और यहां एक ऐसा गिरजाघर है जो मानव इतिहास के सबसे पुराने गिरजाघरों में से एक है. हम सदियों से शांतिपूर्ण सह अस्तित्व का दर्शन अपना रहे हैं. ’’ गृह मंत्री ने कहा कि कई आतंकवादी अपनी मान्यताओं और कामों का प्रचार करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने में दक्ष हैं. वे अतिसंवेदनशील मन वाली वृहद जनसंख्या तक पहुंचने के लिए बडे पैमाने पर आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उनका ऑनलाइन प्रचार युवकों को कट्टर बना रहा है. यह चिंता का विषय है कि वे सीधे साधे लोगों के दिमागों में जहरीले उकसावे के बीज बो रहे है और उन्हें दूसरों के प्रति बेरहमी से असहिष्णु और हिंसक बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.’’ तीन दिवसीय इस सम्मेलन में आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों में ‘‘अवैध आव्रजन एवं सीमा सुरक्षा’, ‘ साइबर स्पेस’, ‘सोशल मीडिया एवं आतंकवाद’ और ‘आतंक व्यापार हथियार, नशीले पदार्थ एवं नकली मुद्रा’ जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इस सम्मेलन में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लै, पूर्व सेना प्रमुख जनरल :अवकाशप्राप्त: वीपी मलिक, बीएसएफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह समेत कई हस्तियां भाग लेंगी. इस सम्मेलन में श्रीलंकाई सेना के पूर्व प्रमुख सरत फोंसेका और अमेरिका के कोहेन समूह के वरिष्ठ काउंसलर एडमिरल जेम्स लॉय समेत कई विदेशी प्रतिभागी भी हिस्सा लेंगे.


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