पटना : बिहार विधानसभा के इस चुनावी वर्ष में अस्तित्व बचाने की अंतिम लड़ाई लड़ेगी लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी| असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि दो बाबू-साहब की नूराकुश्ती में इस बार राष्ट्रीय जनता दल का बंटाधार होना तय है| इस बार राजद की नईया सिर्फ डगमगाएगी नहीं बल्कि पूरी तरह डूब जायेगी| ‘बीस-बीस (2020) में राजद का अस्तित्व होगा फिनिश’, यह नारा देते हुए उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी ने अपने 15 वर्षों के शासन में बिहारवासियों के साथ जो अन्याय किया है, उसका दुष्परिणाम आज सामने है| चुनावी मौसम में अब दो बड़े नेताओं यानी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बीच आमने सामने की शुरू हुई यह लड़ाई, परिवाररूपी पार्टी के वजूद को धराशायी कर देगा जिसपर रघुवंश प्रसाद सिंह ने अंतिम प्रहार कर दिया है|
गौरतलब है कि चुनाव के मद्देनजर विपक्षी पार्टियों के गोलबंदी की कवायद शुरू होने से पहले ही जगदानंद सिंह ने कहा है कि महागठबंधन के लालू प्रसाद ही सर्वेसर्वा होगें और तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन चुनाव लडेंगी| इस बार चुनावी मैदान में 150 सीटों पर राजद अपना प्रत्याशी उतरेगा| जगदानंद के इस वक्तव्य पर नाराजगी जाहिर करते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने चुनावी तैयारी के बहाने एक पत्र लिखकर पार्टी संगठन खड़ा नहीं किये जाने और विपक्ष के द्वारा राजद के खिलाफ लगाये गये आरोपों का सही ढंग से जबाव नहीं दिये जाने का आरोप लगाया है|दरअसल, लालू परिवार के करीबी रहे जगदानंद को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद से ही रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी देखने को मिल रही है| बिहार की सियासत में जातीय समीकरण काफी अहम होता है, ऐसे में पार्टी के अंदर खूद को उपेक्षित महसूस करनेवाले रघुवंश प्रसाद सिंह को लगने लगा है कि राजद में बाबू साहब (राजपूत) का मतलब जगदाबाबू है|
श्री यादव ने कहा कि लालू प्रसाद की सियासी नौटंकी, पार्टी के अंदर पारीवारिक दबदबा, राजद की हुड़दंग संस्कृति और स्थापना काल से ही पार्टी के अंदर समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से आरजेडी बिखराव के कगार पर पहुंच गयी है| पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के अभाव कई बड़े नेता अब घुटन महसूस करने लगे हैं जिसका प्रकटीकरण होने लगा है| उन्होंने कहा कि मिशन 2020 में जुटे जगदानंद सिंह को पहला झटका रघुवंश प्रसाद सिंह ने ही दे दिया है और रही सही कसर शिवानंद तिवारी ने रघुवंश प्रसाद के बयान में हां में हां मिला कर पूरी कर दी है