अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक इस साल अप्रैल में हो सकती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस बैठक में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है । पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों और इस साल हुए दिल्ली चुनावों में बुरी तरह हार के बाद कांग्रेस की टॉप लीडरशिप पर सवाल उठने लगे हैं। ये सवाल सिर्फ राजनीतिक विश्लेषकों की ओर से नहीं बल्कि पार्टी के भीतर से भी उठ रहे हैं और हर बार की तरह पार्टी के युवा चेहरों राहुल-प्रियंका को बड़ी जिम्मेदारी देने की मांग की जा रही है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि एआईसीसी की इस बैठक की तिथि, स्थान और अजेंडे को अंतिम रुप नहीं दिया गया है। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक एआईसीसी की बैठक संसद के बजट सत्र के बीच में होने वाले अवकाश के दौरान होगी। इसी में राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। यह बैठक मुख्य रुप से पार्टी के संविधान में बदलाव के लिए हो रही है। कांग्रेस के सदस्यता अभियान को भी इस महीने के आखिर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके बाद कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों की प्रकिया पर तस्वीर साफ हो जाएगी और पार्टी अध्यक्ष का चुनाव भी हो जाएगा। सोनिया गांधी 130 साल पुरानी कांग्रेस के इतिहास की सबसे लंबे समय तक रहने वालीं अध्यक्ष बन गई हैं। वह मार्च 1998 में पार्टी अध्यक्ष बनी थीं। राहुल गांधी को जनवरी 2013 में जयपुर के चिंतन शिविर में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस के नेता और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों, रणनीतियों और नेताओं पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने राहुल गांधी के जनता के बीच में और ज्यादा जाने की वकालत भी की थी। संदीप ने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस में नए लोग लाए जाएं जो चुनावों के जरिए नहीं आते बल्कि उनको चिन्हित किया जाता है। संदीप के इस बयान को अहम माना जा रहा है क्योंकि पार्टी के अंदर चुनाव इसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मनपसंद परियोजना भर बनकर रह गए हैं। गौरतलब है कि राहुल यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं।