बिजली की कीमतों में कटौती के आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी वादे पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हैरत जताई कि जो राज्य बिजली के लिए दूसरों पर निर्भर हों, वहां की राजनीतिक पार्टियां ऐसे वादे कैसे कर सकती हैं। अक्षय ऊर्जा से संबंधित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हर चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियां मुफ्त बिजली का वादा करती हैं। लोगों को इन वादों के बारे में सोचने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि पार्टियां ऐसे राज्यों में ये वादे करती हैं जो बिजली आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की लागत का एक बड़ा हिस्सा पानी पर खर्च होता है। पानी की लागत बुनियादी तौर पर बिजली की लागत के कारण है। हमें किसानों की समस्या को समझना होगा। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में बिजली के बिल आधे करने का वादा किया था। दिल्ली में 5,000 मेगावॉट बिजली की मांग है और वह अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मुख्य रूप से अन्य राज्यों पर निर्भर है। आप पर साधे गए मोदी के निशाने के बाद प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक आशुतोष ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे बिजली की दरें कम करने में राज्य सरकार की मदद करें। आशुतोष ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं अपनी पार्टी की तरफ से उनसे बस एक ही अनुरोध करना चाहता हूं कि उन्हें बिजली की दरें कम करने और उसे सस्ती बनाने में हमारी मदद करनी चाहिए क्योंकि इससे दिल्ली के लोगों का भला होगा। मुझे उम्मीद है कि वह भी दिल्ली के लोगों की भलाई चाहते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की समस्या के समाधान के लिए आप का एजेंडा तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले आशीष खेतान ने कहा कि पिछली सरकारों ने न तो सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया और न ही उनके पास ऊर्जा के किसी वैकल्पिक स्रोत को लेकर कोई नीति थी। खेतान ने कहा कि जब कोयला आधारित ऊर्जा की बात आती है तो हमें छत्तीसगढ़, झारखंड एवं अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। दूसरी बात यह है कि देश के ऊर्जा संयंत्र भले ही अन्य राज्यों में हों, पर वे बिजली पूरे देश के लिए पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की कीमतों में कमी लाना और बिजली क्षेत्र में सुधार लाना अलग-अलग मुद्दे हैं और इसे बिजली उत्पादन से जोड़ना बहुत अजीब बात है। कांग्रेस ने मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि उन्हें अपने अंदर झांकना चाहिए। प्रधानमंत्री को यह सवाल पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल से पूछना चाहिए जिन्हें उन्होंने पद्म विभूषण से नवाजा है क्योंकि आखिरकार अकाली दल ही मुफ्त बिजली की राजनीति के जनक है।