वाशिंगटन : अमेरिकी सरकार ने आठ देशों से आने वाले कुछ विमानों में यात्रियों पर लैपटॉप, आइपैड, कैमरे और ज्यादातर अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान साथ लेकर सफर करने को लेकर मंगलवार से अस्थायी रोक लगा दी है. इस प्रतिबंध के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हुई है. अमेरिका के सुरक्षा अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी नहीं की. रॉयल जॉर्डन एयरलाइंस और सऊदी अरब की आधिकारिक समाचार एजेंसी के बयानों से इस प्रतिबंध का खुलासा हुआ. एक अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि यह प्रतिबंध दस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों से बीच में बिना कहीं रुके सीधे अमेरिका आने वाली उड़ानों पर लागू होगा. इन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों में मिस्र में काहिरा, जॉर्डन में अम्मान, कुवैत में कुवैत सिटी, मोरक्को में कैसाब्लांका, कतर में दोहा, सऊदी अरब में रियाद और जेद्दा, तुर्की में इस्तांबुल और संयुक्त अरब अमीरात में अबु धाबी एवं दुबई शामिल हैं. यह प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए है. इस प्रतिबंध से कुल नौ विमानन कंपनियां प्रभावित होंगी. बैठक से पहले उठाया कदम यह प्रतिबंध वाशिंगटन में इसलामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले गंठबंधन की बुधवार को होने वाली बैठक से ठीक पहले शुरू होगा. इस बैठक में अरब देशों के कई शीर्ष अधिकारियों के भाग लेने की संभावना है. रॉयल जॉर्डनियन एयरलाइंस ने कहा कि सेलफोन और चिकित्सा यंत्र इस प्रतिबंध के दायरे से बाहर हैं. एयरलाइंस ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर लगे प्रतिबंध से न्यूयॉर्क, शिकागो, डेट्राइट और मॉन्ट्रियल जाने वाली उसकी उड़ानें प्रभावित होंगी. सुरक्षा के तहत कदम रैंड कोरपोरेशन में विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रायन जेनकिंस ने कहा कि सुरक्षा के तहत उठाये गये इस कदम से यह संकेत मिलता है कि संभावित खतरे की खुफिया सूचना के बाद इसे लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे यात्रियों की अपर्याप्त जांच और कुछ देशों में हवाइअड्डे या एयरलाइन कर्मचारियों की मिलीभगत से साजिश रचने की चिंता भी हो सकती है.