जॉब मार्केट के लिए 2015 को बहुत अच्छा बताया जा रहा है। इंडिया इंक ने जहां करीब10 लाख नई जॉब्स क्रिएट करने का प्लान बनाया है, वहीं बेस्ट परफॉर्मेंस देने वाले एम्प्लॉयीज की सैलरी में 15 से लेकर 40 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है। 2014 में अचानक बूम पर आए ई-कॉमर्स सेक्टर में नौकरी और सैलरी दोनों नजरिए से इस साल ज्यादा तगड़ी उछाल देखने को मिल सकती है। उधर, 'मेक इन इंडिया' अभियान के आगे बढऩे से इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी नौकरियों के तेजी से बढऩे की उम्मीद है..., लेकिन आने वाले दिनों में सामने आने वाली आकर्षक नौकरियों को हासिल करने या जॉब में आगे बढऩे के लिए खुद को मार्केट के मुताबिक हुनरमंद बनाना भी बेहद जरूरी है। कैसे चलें हुनर के इस सफर पर, बता रहे हैं अनुराग शर्मा जब आइटी से बीटेक करके कैंपस से निकले थे, तो खासे उत्साहित थे। उन्हें लगता था कि डिग्री के आधार पर नौकरी तो फटाफट मिल ही जाएगी, लेकिन जब डेढ़-दो साल यूं ही निकल गए तो उन्हें चिंता होने लगी। उधर, माता-पिता की घबराहट भी बढ़ती जा रही थी और वे अनुराग से जॉब के बारे में अधिक पूछताछ करने लगे थे। नौकरी न मिलती देख उन्होंने एक सीनियर की सलाह पर डॉट नेट का तीन महीने का कोर्स किया, जिसके आधार पर उन्हें आइटी कंपनियों के लिए प्रोजेक्ट डेवलप करने वाली एक छोटी कंपनी में जॉब मिल गई। वहां उन्हेंं करेंट मार्केट की रिक्वॉयरमेंट के मुताबिक सीखने-जानने को तो बहुत मिला, पर सैलरी कम और प्रेशर ज्यादा होने से वह ज्यादा दिन तक वहां काम नहीं कर सके। तीन महीने बाद नेट पर जॉब सर्च के जरिए एक दूसरी कंपनी में कुछ अधिक सैलरी पर काम मिला। वहां भी सीखने को बहुत कुछ था। वहां उन्होंने अपने को भरसक अपडेट किया। पर प्रेशर के कारण चार महीने बाद ही उन्होंने वह जॉब भी छोड़ दी और कुछ दोस्तों के साथ डिजिटल मार्केटिंग का अपना काम स्टार्ट कर दिया। दोनों कंपनियों में सीखे काम का फायदा उन्हें यहां मिला और अब वे क्लाइंट की रिक्वॉयरमेंट के अनुसार सर्विस देने में काफी हद तक सक्षम हो गए थे। हालांकि यहां उन्हें अपनी नॉलेज-स्किल बढ़ाने और प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए नौकरी की तुलना में दिन-रात लगे रहना पड़ता था। पर उत्साह इसलिए कम नहीं होता था, क्योंकि इस मेहनत का पूरा-पूरा रिटर्न उन्हें ही मिल रहा था। मल्टीटास्कर ज्यादातर कंपनियां अब परंपरागत तरीके से काम करने में विश्वास नहीं करतीं। एक प्रोजेक्ट पूरा होते ही वे स्टाफ को दूसरे प्रोजेक्ट में लगा देना चाहती हैं। इस प्रक्रिया में कई बार अलग-अलग बॉसेज को रिपोर्ट करना होता है। ऐसे में एम्प्लॉयीज को भी इसी नजरिए से अपना माइंड मेकअप करते हुए हर तरह की जिम्मेदारियों पर खरा उतरने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। एक्सपोजर का मौका अगर आप कोई प्रोफेशनल कोर्स पूरा करने वाले हैं और कैंपस प्लेसमेंट का इंतजार कर रहे हैं, तो अपने अनुकूल मिलने वाले मौकों का लाभ उठाने के लिए तैयार रहें। टेक्नोलॉजी सेक्टर में कंपनियों द्वारा इंटर्न रखने की स्पीड 2014 में 20 फीसदी बढ़ गई। उम्मीद की जा रही है कि इस साल इसमें और इजाफा होगा। इंटर्नशिप के दौरान अच्छा परफॉर्म करने वालों को ही कंपनियां रेगुलर जॉब ऑफर करती हैं। टेक्नोलॉजी का साथ 2014 में ई-कॉमर्स ने अपनी उछाल से हर किसी को चौंकाया। निश्चित रूप से यह उछाल इस साल और तेज होगी। इस सेक्टर के लिए कुछ अलग स्किल वाले लोगों की जरूरत होती है। अगर आप इस फील्ड के लिए इंट्रेस्टेड हैं, तो वेब-बेस्ड यानी ऑनलाइन कोर्सों के जरिए भी खुद को अपडेट करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। अपनी काबिलियत बढ़ाकर आप अपनी वैल्यू बढ़ा सकते हैं। जूनियर को जिम्मेदारी तकरीबन हर कंपनी के पास अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए तमाम प्रोजेक्ट होते हैं, लेकिन टैलेंट की कमी के कारण वे इनकी जिम्मेदारी जूनियर्स को देना चाहते हैं। आप खुद में लीडरशिप क्वालिटी डेवलप करके आगे बढ़कर चुनौतियां ले सकते हैं। प्रोजेक्ट को सफलता के साथ पूरा करने से कंपनी और आपका दोनों का फायदा हो सकता है। आप अपनी काबिलियत दिखाने के लिए आगे बढ़कर अपने बॉस से प्रोजेक्ट की मांग करें। स्टार्ट-अप्स हिट पिछले साल एंटरप्रेन्योर्स और स्टार्ट-अप्स ने अपनी कामयाबी का लोहा मनवाया। इससे प्रेरित होकर और ज्यादा युवा आने वाले दिनों में इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे। अगर आप कहीं जॉब कर रहे हैं, आपके पास ढेरों जोरदार आइडिया भी हैं, लेकिन आप अपनी मजबूरियों के कारण नौकरी छोड़कर उन पर अमल नहीं कर पा रहे तो भी हताश न हों। ऐसे आइडिया आप अपने एम्प्लॉयर या टॉप बॉस के पास ले जा सकते हैं। बदलते वक्त में तमाम एम्प्लॉयर्स स्टार्ट-अप में इन्वेस्ट करने को आसानी से तैयार हो रहे हैं, बशर्ते उन्हें आइडिया क्लिक कर जाए। कंसल्टेंसी के मौके अगर आप अपने को किसी खास फील्ड का एक्सपर्ट समझते हैं, तो जरूरी फाइनेंशियल बैकअप तैयार करके अपनी नौकरी को बाय-बाय कर सकते हैं और कई कंपनियों में कंसल्टेंसी सर्विस दे सकते हैं। वैसे इकोनॉमिक सिक्योरिटी के लिहाज से आप यह काम जॉब के साथ पार्टटाइम के तौर पर भी कर सकते हैं और जब नेटवर्किंग स्ट्रॉन्ग हो जाए, तब जॉब छोडऩे का रिस्क आसानी से ले सकते हैं। * नये साल में सामने आने वाले मौकों को समझें और उनके मुताबिक खुद को तैयार करने का प्रयास करें। * जॉब मार्केट की कसौटी पर खुद को स्किल्ड बनाने के लिए चाहें तो पढ़ाई या नौकरी के साथ-साथ वेब-बेस्ड यानी ऑनलाइन कोर्सों का लाभ उठा सकते हैं। * कैंपस प्लेसमेंट के दौरान खुद को प्रूव करने के लिए पहले से तैयारी करें। * जॉब के दौरान कुछ अलग करना चाहते हैं, तो अपने काम को परफेक्शन से पूरा करने के साथ-साथ बॉस या एम्प्लॉयर से अपना आइडिया शेयर करें।