उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खुलवाए गए डेढ़ लाख खाते बंद हो गए हैं। एक बार भी लेनदेन नहीं होने के चलते बैंकों ने इतने खातों को डॉरमेंट यानि निष्क्रिय घोषित कर दिया है। कुछ बैंकों ने ऐसे खाताधारकों को बैंक में बुलाकर उन्हें दोबारा चालू कराने की कवायद भी शुरू की है।
साढ़े चार साल पहले 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत जीरो बैलेंस पर एक परिवार के प्रत्येक व्यक्ति का खाता बैंक में खोलने का प्रावधान किया गया। योजना के शुरू होते ही मुरादाबाद जिले में बैंकों में खाता खुलवाने को मारामारी मच गई। पहले दो साल में चार लाख से ज्यादा खाते जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए। अब तक, साढ़े सात लाख खाते इस योजना के अंतर्गत जिले के बैंकों में खोले *जा चुके हैं। इनमें से डेढ़ लाख खातों में लेनदेन नहीं होने का हवाला *देकर बैंकों ने इन्हें डॉरमेंट घोषित कर दिया है।
जिले में जनधन योजना के करीब चालीस फीसदी खाताधारकों का रुपे कार्ड एटीएम मशीन से लेनदेन नहीं करने के कारण निष्क्रिय हो गया है। अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक सतीश कुमार गुप्ता के मुताबिक खाते में छह महीने तक लेनदेन नहीं करने पर यह डॉरमेंट हो जाता है, जबकि रुपे कार्ड के जरिये नौ महीने तक लेनदेन नहीं करने पर यह बंद हो जाता है।.
मुरादाबाद अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक सतीश कुमार गुप्ता ने बताया कि खाते में एक भी रुपया जमा नहीं होने के चलते तमाम लोगों ने इसे लेकर संजीदगी नहीं दिखाई। डेढ़ लाख खाताधारकों ने तो एक बार भी लेनदेन नहीं किया। जिसके चलते उनके खाते डॉरमेंट कर दिए गए हैं।
जनधन योजना के अंतर्गत खुले 80 फीसदी से ज्यादा खातों में नाममात्र का ही लेनदेन हो रहा है। करीब चार लाख खाताधारक ऐसे हैं जो खाता बंद होने से बचाने के लिए छह महीने में सिर्फ एक बार ही लेनदेन कर रहे हैं। पंद्रह फीसदी खाताधारक ऐसे हैं जिन्होंने अपने खाते में अच्छी रकम जमा कराई है और नियमित रूप से लेनदेन कर रहे हैं। जनधन योजना के अंतर्गत मुरादाबाद जिले में अब तक करीब ढाई सौ करोड़ की धनराशि जमा की जा चुकी है।