पटना 3 जुलाई : कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने आज सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष से सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के तहत जारी सांस्कृतिक कैलेंडर 2018-19 का लोकार्पण किया। मौके पर उनके साथ विभाग की अचर्ना राय, मीना कुमार और संजय कुमार सिंह मौजूद रहे। इस दौरान कृष्ण कुमार ऋषि ने बताया कि इस बार का सांस्कृतिक कैलेंडर अलग है और इसमें राज्य सरकार द्वारा कुल 26 नये कार्यक्रमों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने राज्य भर में कला को बढ़ावा देने के मकसद से अपने सांस्कृतिक समारोहों को राजधानी पटना की सीमा से परे राज्य के सुदूर इलाकों में ले जाने की कोशिशें तेज कर दी है। यह कैलेंडर उसी का प्रमाण है।
श्री ऋषि ने बताया कि इसकी शुरूआत भी हमने बीते वर्ष में राज्य भर कई जगहों पर सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन से कर दी। इस बार भी हमने राजधानी में चल रहे शुक्रगुलजार और शनिबहार जैसे कार्यक्रमों को जिला मुख्यालयों में आयोजित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। साथ ही हर जिला को साल में चार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना आवश्यक है, जो जिला मुख्यालय के अलावा अन्य स्थानों पर हो। इन आयोजनों के लिए विभाग द्वारा 50,000 की राशि तय की गई है। इसमें जिला प्रशासन के द्वारा स्थानीय कलाकारों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी। ताकि राज्यभर में कला के प्रति लोगों में सम्मान और उत्साह का भाव सृजित हो। साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा कलाकारों को मानदेय भी प्रदान किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सफलता एक विकसित सांस्कृतिक राजधानी से ज्यादा एक विकसित सांस्कृतिक राज्य बनाने में निहित है। राज्य भर में कहीं पेंटिंग के रूप में, कहीं शिल्प के रूप में, कहीं लोकगाथाओं के रूप में या लोकगीतों के रूप में हरेक पंचायत और गांवों तक की अपनी अपनी सांस्कृतिक विशेषता है, जिसका कला और सौंदर्य की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व है। इसलिए सांस्कृतिक कैलेंडर 2018-19 में होलिका महोत्सव (पूर्णिया), दीनाभद्री महोत्सव (पूर्णिया), पुरैनिया महोत्सव (पूर्णिया), कौमुदी महोत्सव (पटना सिटी), गोपाष्टिमी महोत्सव (मधेपुरा), मंजूषा महोत्सव (भागलपुर), सूर्य मंदिर पंडारक में सांस्कृति कार्यक्रम, सिंहेश्वर मेला (मधेपुरा में पांच दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम), सिमरिया कुंभ मेला (बेगूसराय), वाचस्पति महोत्सव (मधुबनी), सीताकुंड महोत्सव (सीताधाम पू. चंपारण), गजना महोत्सव ( नवीनगर औरंगाबाद), प. चंपारण के नर्मदेश्वर मंदिर, सहोदरा माई स्थान, पटजीरवा माई स्थान, नवलपुर माई स्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रम, चंपारण सत्याग्रह स्मृति दिवस समारोह, गिद्धौर सांस्कृति महोत्सव (जमुई), उग्रनाथ महादेव महोत्सव (मधुबनी), कालिका नाट्य महोत्सव (पूर्णिया), काली पूजा (पूर्णिया), कटिहार महोत्सव (कटिहार), उलार महोत्सव (पटना), रेणु महोत्सव (अररिया) और मोरवा समस्तीपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल की गई है। मंत्री ने बताया कि इसके अलावा पहले से आयोजित 44 सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता रहेगा।