पटना डेयरी प्रोजेक्ट के MD सुधीर सिंह की अध्यक्षता में होगा तीन दिवसीय इंटरनेशनल डेयरी कॉन्फ्रेंस

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

  • पटना में तीन दिवसीय इंटरनेशनल डेयरी कॉन्फ्रेंस 7, 8 एवं 9 फरवरी 2019 को आयोजित
  • पटना डेयरी प्रोजेक्ट के एमडी सुधीर सिंह इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष होंगे
  • एसोचैम ने पिछले दिनों उत्कृष्ट सेवा के लिए सुधीर सिंह को दिया था लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड

 

पटना  : वर्ष 1981 में श्वेत क्रांति के जनक डा.वर्गीज कुरियन ने जिस पटना डेयरी प्रोजेक्ट की नींव रखी थी, तब किसे मालूम था कि वह आगे चलकर एमडी सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में इतनी ऊंचाई तय करेगा। घाटे वाले संस्थान को भी लाभकारी बनाने की कला में माहिर श्री सिंह के नेतृत्व में  अब बिहार की राजधानी पटना में तीन दिवसीय इंटरनेशनल डेयरी कॉन्फ्रेंस 7, 8 एवं 9 फरवरी 2019 को आयोजित होने जा रहा है। इसमें देश और विदेशों से लगभग 5000 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पटना के ज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस डेयरी कॉन्फ्रेंस में 500 फॉरेन डेलिगेट्स भी हिस्सा लेंगे। मुख्यतौर पर चाइना, इटली ,जर्मनी, यूएसए, डेनमार्क समेत दर्जन भर से ज्यादा देशों से प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। तकरीबन तीन दिनों तक दुनिया भर के विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में डेयरी विकास, विपणन, दुध के उत्पादन समेत अन्य तकनीकी मुद्दों को अपने अनुभवों को साझा करेंगे एवं नवीन प्रयोगों से सदस्यों को अवगत कराएंगे। देशी और विदेशी मशीनरी की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति को भी शामिल होने के लिए न्योता भेजा जा रहा है।

गौरतलब है कि पटना डेयरी प्रोजेक्ट को एक नई मुकाम तक पहुंचाने में अहम योगदान देने वाले  एमडी सुधीर सिंह को हाल ही में एसोचेम द्वारा उन्हें लाइफ टाइम अवार्ड से भी नवाजा जा गया है। इतना ही नहीं पटना डेयरी प्रोजेक्ट को रुरल डेवलपमेंट एक्टिविटिज कैटेगरी के लिए भी पुरस्कृत किया गया है।

  एमडी सुधीर सिंह ने यह भी बताया की वर्तमान समय में 2600 गांवों से दूध का प्रतिदिन उठाव होता है जिन्हें पटना डेयरी में प्रॉसेस किया जाता है यानि तकरीबन 4 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है जिसमें से 3 लाख लीटर की खपत होती है। जबकि शेष 1 लाख लीटर दूध का पाउडर तैयार किया जाता है। इस डेयरी प्रोजेक्ट से 350 महिला समिति जुड़ी हुई है। जिससे हजारों परिवारों की जीविका निर्भर करती है। यह महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण भी है।  श्वेत क्रांति के जनक डा.वर्गीज कुरियन का बिहार से काफी गहरा लगाव था। डा.कुरियन पटना डेयरी प्रोजेक्ट के संस्थापक थे। वे आठ वर्षो तक इसके अध्यक्ष भी रहे थे। राज्य सरकार द्वारा स्थापित स्टेट डेयरी प्रोजेक्ट कारपोरेशन जब घाटे का सौदा साबित हो गया तब सरकार को डा.वी.कुरियन की याद आयी। राज्य सरकार के बुलावे पर डा.वी.कुरियन बिहार आये और 1981 में पटना डेयरी प्रोजेक्ट की स्थापना की। वे पटना डेयरी प्रोजेक्ट के 1981 से 88 तक अध्यक्ष रहे। उनके साथ ही आये थे बिहार के युवा डेयरी इंजीनियर सुधीर कुमार सिंह। सुधीर सिंह वर्तमान में पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक हैं। 

  सुधीर सिंह डा.कुरियन के साथ व्यतीत किये पलों को याद करते हुए बताते हैं कि पटना डेयरी प्रोजेक्ट को मात्र 500 लीटर दूध से शुरू किया गया था और आरंभ में कई कठिनाईयों से गुजरना पड़ा था। सुधीर सिंह के प्रयासों की वजह से ही वर्तमान में पटना डेयरी प्रोजेक्ट में 4 लाख लीटर दूध का संग्रह प्रतिदिन हो रहा है। इनके मार्गदर्शन में शुरू किया गया डेयरी प्रोजेक्ट दिनोंदिन प्रगति पथ पर आगे बढ रहा है। आज सुधा एक ब्रांड है जिसने पूरे देश में खुद को स्थापित किया है।


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