पटना के बेलछी निवासी 84 वर्षीय दिनेश प्रसाद सिंह और उनकी 70 वर्षीय पत्नी माया सिन्हा का 45 दिन बाद भी नहीं मिला सुराग| गौरतलब है कि मरंगा थाना के लालगंज स्थित अपने निजी आवास से 9 अगस्त को बुजुर्ग दंपती लापता हो गये जिसके बाद स्थानीय थाना में परिजन के आवेदन पर कांड संख्या 577/19 के तहत अपहरण का मामला दर्ज किया गया| बावजूद इसके आज तक बुजुर्ग दंपती की तलाश करने में पुलिस नाकाम रही|
बता दे कि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन से सेवानिवृत दिनेश प्रसाद के पास मरंगा स्थित लालगंज में डेढ़ बीघा जमीन है जिसे बेचने के लिए बुजुर्ग दंपती ने अपने पड़ोसी से 27 लाख रूपये में कीमत तय की और तीन लाख रूपये एडवांस में दिए जाने की बात हुई| परिजनों की माने तो पड़ोसी की बातों पर ही बुजुर्ग दंपती पूर्णिया पहुंचे थे जहां 9 अगस्त को जमीन का एग्रीमेंट करने तथा एडवांस देने की बात थी| हालांकि बुजुर्ग दंपती के लापता होने को लेकर अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद जब परिजन ने उक्त पड़ोसी से बात की तो उन्होंने जमीन में विवाद होने की बात कही| 45 दिन बाद भी लापता बुजुर्ग दंपती का सुराग नहीं मिलने और पड़ोसी की बातें सामने आने के बाद परिजन को अनहोनी की आशंका सताने लगी है| परिजन की माने तो बुजुर्ग दंपती की जमीन पर भूमाफिया की नजर थी ऐसे में भूमाफिया उन्हें अपना शिकार बना लिया है|
परिजन की माने तो कैंसर से पीड़ित दिनेश प्रसाद सिंह के तीन बेटे व दो बेटी थी जिनमे से तीनो बेटों की मौत हो चुकी है| दोनों विवाहित बेटियों में एक पटना में जबकि दूसरी रांची में रहती है| एक विधवा बहु है जो दंपती के गांव में रहती है| परिजनों ने बताया कि 7 अगस्त को सिपाही टोला के एक जमीन कारोबारी भी लालगंज स्थित उनके आवास पर पहुंचे थे| तमाम विन्दुओं को देखते हुए परिजनों द्वारा जताई जा रही अनहोनी की आशंका लाजमी है और 45 दिन बाद भी बुजुर्ग दंपती का सुराग नहीं मिलना अपने आप में एक बड़ा सवाल है| क्या 45 दिन बाद भी बुजुर्ग दंपती सकुशल हैं, अगर हाँ, तो वे कहाँ और किस हाल में हैं?
ऐसे कई अनगिनत सुलगते सवाल हैं जिनपर बुजुर्ग दंपती की तलाश पूरी होने के बाद ही विराम लगेगा|