पटना : एसटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के द्वारा फुलवारी शरीफ के बहादुरपुर गांव में शैक्षणिक सर्वेक्षण कार्य किया गया। गौरतलब है कि बीएड के कोर्स में प्रथम वर्ष के प्रशिक्षुओं के लिए इस प्रकार के शैक्षिक सर्वेक्षण कार्य सिलेबस में निहित है। जिससे कि प्रशिक्षुओं को आंकड़ा संग्रह करने का वास्तविक प्रशिक्षण मिल सके।
इस शैक्षणिक सर्वेक्षण में बीएड सत्र 2022-24 के प्रशिक्षुओं के द्वारा कई आंकड़ों का संग्रह किया गया जैसे परिवार के मुखिया का पेशा, आयु, शैक्षणिक स्तर तथा उनके बच्चों की संख्या उनके शैक्षणिक स्तर, विवाहितों /अविवाहितों की संख्या, आय के मुख्य स्रोत इत्यादि।
महाविद्यालय के द्वारा करवाए गए इस शैक्षणिक सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षुओं को आंकड़ों का संग्रह करना, सर्वेक्षण रिपोर्ट बनाना तथा उस गांव की शैक्षणिक स्तर को जानना इत्यादि था। प्रशिक्षुओं ने घर-घर जाकर इन आंकड़ों का बारीकी से पूछताछ की और जमीनी हकीकत को जाना। सुपरवाइजर के द्वारा हर एक प्रशिक्षुओं को 10- 10 परिवारों का सर्वेक्षण करने का टास्क दिया गया था। इस एक दिवसीय सर्वेक्षण को दो सत्रों में पूरा किया गया।
प्रथम सत्र में प्रशिक्षुओं के द्वारा आंकड़े संग्रह किए गए जबकि दूसरे सत्र में उस गांव की इतिहास वहां के दार्शनिक स्थल तथा गांव की चौहद्दी जैसे तथ्यों को चिन्हित किया। ग्रामीणों ने प्रशिक्षुओं के प्रश्नों का उत्तर बड़े ही सादगी दिया। वास्तव में वही आंकड़े सही होते हैं जो डोर टू डोर जाकर प्राप्त किए जाते हैं। यह पूरा सर्वेक्षण कार्य कोऑर्डिनेटर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर शिलनिधी के निर्देशन में किए गए।
संस्थान की निदेशिका डॉक्टर शाहिना खान ने एजुकेशनल सर्वेक्षण को प्रशिक्षण का अहम हिस्सा बताते हुए कहा कि सैद्धांतिक रूप से तो महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में शिक्षा दी जाती है पर वास्तविक प्रशिक्षण एवं अनुभव ऐसे शैक्षणिक सर्वेक्षणों में ही प्रशिक्षुओं को प्राप्त होते हैं। प्रशिक्षु ऐसे कार्यक्रमों के द्वारा जमीनी हकीकत से रूबरू होते हैं। उनका कहना था कि एनसीटीई के द्वारा जो दिशा निर्देश दिए गए उन्हें पूरी तरह अमलीजामा पहनाने के लिए महाविद्यालय निरंतर प्रयासरत है। मौके पर प्रशिक्षुओं के चारों हाउस के मेंटोर एवं मेंटर कोऑर्डिनेटर ने अपने निर्देशन में सर्वेक्षण कार्य का समापन किया।