नई दिल्ली। दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस किसी को बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। वह सबसे दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है। जनतादल यूनाइटेड की तरफ से आम आदमी पार्टी के लिए दिखाई जा रही नरमी और पार्टी के नेताओं के रुख को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया, तो बिहार में जेडीयू की मांझी सरकार के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है। बिहार में मांझी सरकार कांग्रेस के समर्थन पर ही टिकी हुई है। नीतीश कुमार ने कुछ दिनों पहले यह घोषणा की थी कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। इससे 'आप' के खेमे में जहां उत्साह बढ़ गया था, वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता काफी नाराज हो गए थे। अगर जेडीयू दिल्ली में 'आप' पार्टी का समर्थन करती है, तो यकीनन इसका खामियाजा कांग्रेस और भाजपा को होगा। ऐसे में कांग्रेस ने जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने बकायदा एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर कहा है कि नीतीश कुमार को याद दिलाया है कि बिहार में मांझी सरकार कांग्रेस के बलबूते ही टिकी हुई। अगर जेडीयू ने 'आप' का साथ दिया, तो कांग्रेस मांझी सरकार से समर्थन वापस लेने पर भी विचार कर सकती है। हालांकि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया था कि अगर नीतीश कुमार 'आप' के समर्थन में उतरते हैं, तो वह उनके साथ मंच साझा नहीं करेंगे। लेकिन कांग्रेस की चेतावनी के बाद अब जेडीयू को सोचना पड़ेगा कि 'आप' का समर्थन करे या नहीं। हालांकि जेडीयू को यकीन है कि कांग्रेस उनकी भावनाओं का ख्याल जरूर रखेगी और 'आप' को दिल्ली में किसी भी तरह का समर्थन नहीं देगी।