पटना : जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने संवाददाता सम्मेलन कर बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ सदस्य व बागी नेता शरद यादव से हमलोगों का रिश्ता 43 सालों से है. वह स्वेच्छा से जदयू से अलग हुए हैं. उन्होंने लक्ष्मण रेखा को पार किया है. दिल्ली में वह पार्टी से अलग निर्णय लेते रहे. इसलिए राज्यसभा के नेता पद से हटाना जरूरी हो गया था. साथ ही चेतावनी दी कि 27 को राजद की ओर से आयोजित रैली का हिस्सा न बनें. अगर वह राजद की रैली का हिस्सा बनते हैं और भाग लेते हैं, तो वह 'लक्ष्मण रेखा' को लांघ देंगे. केसी त्यागी ने बताया कि बैठक में केरल यूनिट ने वॉक आउट किया. उन्होंने कहा कि पार्टी की सभी 16 कमेटियां हमारे साथ हैं. बिहार के 71 विधायक भी हमारे साथ हैं. पार्टी में कोई डिवीजन नहीं है. हम सभी विधान पार्षद नीतीश कुमार के साथ हैं. साथ ही बैठक में पार्टी के संविधान में कई तरह के संशोधन के भी प्रस्ताव पास किये गये. यह खामियां काफी जमाने से चली आ रही थीं. उन्होंने कहा कि हमें कोई धर्मनिरपेक्षता का सर्टिफिकेट नहीं दें. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि क्या धर्मनिरपेक्षता की आड़ में एक ही परिवार के दस-दस, बारह-बारह लोगों को पदों पर रहने की इजाजत मिलेगी. धर्मनिरपेक्षता की आड़ में इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई से बचा जा सकता है. हम यूपीए-2 को देख चुके हैं. भ्रष्टाचार को बरदाश्त करते-करते मनमोहन सिंह जी खुद भ्रष्ट नहीं हुए. लेकिन, उनकी गति जैसी हो गयी थी, महागठबंधन की गति भी कमोबेश वैसी ही होती, अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुपचाप इन चीजों को बरदाश्त करते. उनकी छवि पर खरोंच लग गया. उनकी नाक पर मक्खी बैठती है, उनका इस्तीफा होता है. एक इस्तीफा नहीं है, चार-चार इस्तीफे दिये हैं. वह देश के सबसे बेहतर सांसद रहे हैं. इसलिए यह जो कार्रवाई है, वह पार्टी के बिहार के विधायक मंडल ने द्वारा किया गया है. यह बिहार की पार्टी द्वारा लिये-उठाये गये निर्णय हैं.