केंद्र सरकार सोमवार को तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश करने जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि लोकसभा के बाद ये बिल राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा। हालांकि, विपक्षी दल सरकार की उम्मीदों को झटका देते दिख रहे हैं। दरअसल, इस बिल को लेकर विपक्षी दलों के तेवर नरम नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस ने तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देने की घोषणा की है।
कांग्रेस सचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा 'हमारी पार्टी उन दलों के साथ हाथ मिलाएगी जो इस बिल के खिलाफ है। इस तरह से हम इसे पारित नहीं होने देंगे।' उन्होंने कहा कि लोकसभा में बिल के पेश होने के दौरान विपक्षी के 10 दल इसके खिलाफ खुलकर सामने आए थे। यहां तक कि केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर समर्थन देने वाली एआईएडीएमके और टीएमसी ने भी इस बिल की खिलाफत की है। वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि यह बिल महिला सशक्तिकरण को मजबूत नहीं करेगा।
गौरतलब है कि इसी हफ्ते गुरुवार को लोकसभा से तीन तलाक बिल को मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा में 245 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया था जबकि 11 ने इसके खिलाफ। वोटिंग के दौरान कांग्रेस, एआईएडीएम, सपा और राजद ने ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया था।
राज्यसभा में आंकड़ों के हिसाब से इस समय एनडीए के पास 93 सांसद हैं। कांग्रेस की अगुआई वाले विपक्षी खेमे के पास 112 सांसद हैं। इस समीकरण से साफ है कि अन्नाद्रमुक के 13, बीजद के 9 टीआरएस के 6 और वाइएसआर कांग्रेस के 2 सदस्यों के समर्थन के बिना एनडीए सरकार राज्यसभा में तीन तलाक बिल पारित नहीं करा सकती। इस सियासी हकीकत को देखते हुए राज्यसभा में तीन तलाक बिल पारित होने की गुंजाइश नहीं दिख रही।