सारण : सारण लोकसभा क्षेत्र की 225 से अधिक पंचायतों के नागरिकों को एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने के उदेश्य से सांसद-पंचायत एम्बुलेंस सेवा योजना की शुरूआत की गई। वर्ष 2014 के बाद प्रत्येक पंचायत को एक-एक एम्बुलेंस देने हेतु सांसद निधि से कुल 65 एम्बुलेंस की खरीद की गई जिसमें से 50 से अधिक पंचायतों में इसका परिचालन किया जा रहा है। अन्य शेष एम्बुलेंस कोविड महामारी के कारण चालकों द्वारा छोड़ दिये जाने और दुसरा चालक नहीं मिलने के कारण पंचायतों के मुखिया द्वारा लौटा दिया गया था। सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने उक्त बातें कही|
सांसद ने कहा कि पंचायतों द्वारा लौटाये गये उन एम्बुलेंसो को सुरक्षित सामुदायिक केंद्र पर रखा गया था जहां पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ आये और केवल राजनीतिक के लिए फोटो खिंचवाने का काम किया। सांसद ने कहा कि यह कृत्य वैसे व्यक्ति द्वारा किया गया जिसने स्वयं अपने घर पर कोरोना के इस संकटकाल में जीवन रक्षक वेंटिलेटरों की जमाखोरी की थी। इस संकट की घड़ी में सांसद निधि से मानवता की सेवा में दिये गये एम्बुलेंस गाड़ियों पर जनता का अटूट विश्वास है पर, आजतक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पप्पू यादव ने वेंटिलेटर की जमाखोरी, कालाबाजारी के लिए की थी या किसी मरीज की मदद के लिए। उनके घर में, कार्यालय में आखिर किस उपयोग के लिए और कैसे वेंटिलेटर जमा किये गये थे ?
सारण में आमजन को एम्बुलेंस की यह सुविधा सहज उपलब्ध हो इसके लिए केंद्रीकृत कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है। इसपर कॉल करने वाले को जिले के अंदर कुछ ही मिनटों में एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो जाती है। रुडी ने कहा कि सांसद मद से जीपीएस तकनीक व प्राथमिक चिकित्सा सुविधा से संपन्न एम्बुलेंस सेवा, बिहार में अपनी तरह की पहली एम्बुलेंस सेवा है जिसका संचालन जिला प्रशासन की निगरानी में स्थानीय स्तर पर सफलतापूर्वक हो रहा है। परन्तु इस कोविड काल की आपात स्थिति में पप्पू यादव द्वारा इस नियमित सेवा में व्यवधान उत्पन्न करना कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक रूप से निंदनीय और अशोभनीय है। अपने समाप्त हुए जनाधार की बेचैनी में अब वे कोविड सेवा में लगे लोगों को तंग तबाह करके उन्होंने अपने असामाजिक क्षवि को एक बार फिर से मुखरित किया है।
सांसद रुडी ने कहा कि सारण देश में पहला ऐसा लोकसभा क्षेत्र है जहां केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष के माध्यम से इतनी बड़ी संख्या में एम्बुलेंस का परिचालन किया जाता है। कोविड के इस काल में भी सारण जिला में किसी नागरिक को एम्बुलेंस की कमी नहीं हुई है और आवश्यकतानुसार एम्बुलेंस सुलभ रुप से उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस का लाभ लेने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी भी फोन अथवा मोबाइल से टॉल फ्री नं॰ 18003456222 डॉयल कर जहां सेवा चाहिए वह स्थान बताता है और एम्बुलेंस कुछ ही मिनट में पहुंचा जाता है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ समीपवर्ती लोकसभा क्षेत्र महाराजगंज और सिवान के लोगों को भी मिलता है। श्री रुडी ने पूर्णिया की घटना को याद करते हुए कहा कि काश मधेपुरा में भी में भी सांसद रहते पप्पू यादव एम्बुलेंस की व्यवस्था किये रहते। जहां एम्बुलेंस की ऐसी व्यवस्था नहीं हैं वहां मरीजों को या उनके परीजनों को किस प्रकार अस्पताल तक की दुःख भरी यात्रा तय करनी पड़ती है यह मधेपुरा का समीपवर्ती जिला पूर्णिया की वर्ष 2017 की उस घटना से पता चलता है। ज्ञातव्य है कि पूर्णिया सदर अस्पताल में 50 वर्षीय सुशीला देवी के शव को ले जाने के लिए उनके गरीब पति ने बाइक का सहारा लिया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी ने कहा कि हालाँकि, सारण में कुछ ऐसे एम्बुलेंस हैं जिनका उपयोग ड्राईवर या सहायक चिकित्सा उपकरणों की वजह से नहीं हो रहा है। ये एंबुलेंस जो चालकों की कमी के कारण रखी गई थीं, उसके लिए जिलाधिकारी से विमर्श कर पत्राचार भी गया था और जिलाधिकारी ने भी कार्रवाई शुरू भी कर दी थी। इन एम्बुलेंसों का न ही किसी प्रकार का व्यापार हो सकता है और न ही होर्डिंग हो सकता है। इसका उपयोग केवल जनसेवा में ही हो सकता है। पप्पू यादव को इसकी राजनीति करने से पूर्व कम से कम यह तो जरूर पता लगाना चाहिए कि 50 से अधिक एम्बुलेंस जो प्रत्येक दिन चल रहे है उसके संदर्भ में उनको जानकारी है या नहीं। यदि देखना ही चाहते है तो सारण के किसी कोना में दस मिनट खड़े हो जाये ंतो जनसेवा में संलग्न सांसद निधि का कोई न कोई एम्बुलेंस दिख जायेगा। जहां तक पप्पू यादव ड्राईवर की बात कर रहे हैं तो निश्चित रूप से आकर जिलाधिकारी से अंडरटेंकिंग लेते हुए सभी वाहनों को सारण जिला में चलवाने की कार्रवाई करें, पर आमजन के साथ राजनीति न करें।