1 अप्रैल से पहले अपना जीएसटी रिकॉर्ड और रिटर्न फाइलिंग का पैटर्न ठीक कर लें कारोबारी

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

नई दिल्ली:  कारोबारी और ट्रेडर्स 1 अप्रैल से पहले अपना जीएसटी रिकॉर्ड और रिटर्न फाइलिंग का पैटर्न ठीक कर लें, नहीं तो आगे उन्हें परेशानी हो सकती है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि 1 अप्रैल से उनका रिटर्न फाइलिंग का जीएसटी सिस्टम समय अनुसार काम करेगा और तब समय पर रिटर्न फाइल नहां करने पर कारोबारियों को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। ऐसे में कारोबारी पेंडिंग रिटर्न और मार्च महीने की रिटर्न समय पर फाइल कर दें।

सरकार का टारगेट था कि जीएसटी सिस्टम को 1 अप्रैल 2018 तक रेगुलर करेगी यानी सभी रिटर्न अपनी डेडलाइन वाले समय पर मंथली जाएगी। 1 अप्रैल के बाद से रिटर्न देर से फाइल करने पर कारोबारियों को लेट फीस चार्ज भी देना पड़ेगा। ऐसे में कारोबारी अपनी पिछली पुरानी पेंडिंग रिटर्न भर दें और मार्च की रिटर्न भी समय पर फाइल कर दें। ताकि, 1 अप्रैल से कारोबारी किसी भी परेशानी में न फंसे।

मार्च में जनवरी 2018 की जीएसटीआर-1 रिटर्न जाएगी जिसकी डेडलाइन 10 मार्च 2018 तक है। 31 मार्च 2018 तक जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक जीएसटीआर-6 रिटर्न फाइल करनी है। जीएसटीआर-6 इन्पुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर को भरनी है जिसमें इन्पुट टैक्स क्रेडिट रिसीवड की जानकारी होगी। ये जीएसटीआर रिटर्न सभी कारोबारियों और ट्रेडर्स को भरनी होगी क्योंकि ज्यादतर सभी इन्पुट टैक्स क्रेडिट रिसीव करते हैं। 1.50 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारी जिन्होंने कंपोजिशन स्कीम ली है और जिन्होंने नहीं ली है वह अपनी पेंडिंग रिटर्न फाइल कर दे। कारोबारी और ट्रेडर्स इस लिंक https://www.gst.gov.in/download/returns पर क्लिक करके जीएसटीआर रिटर्न के फॉर्म और ऑफलाइन टूल डाउनलोड कर सकते हैं। ये एक तरह की जिप फाइल है जिसमें रिटर्न फॉर्मेट से लेकर इन्वॉयस की ऐक्सल शीट भी है।

जीएसटी के पोर्टल पर जीएसटी सॉफ्टवेयर टूल है जिसे कारोबारी अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं। ये सॉफ्टवेयर टूल एक्सल फॉरमेट और जावा स्क्रिप्ट में है। इस एक्सल फॉरमेट पर आप अपने बिल बना सकते हैं। बिल की जानकारी एक्सेल शीट में सेव करके इसे ही जीएसटी के पोर्टल पर रिटर्न के साथ अपलोड कर सकते हैं।


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