(5 अगस्त 2019) का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा,
जो आज तक कोई न किया वो मोदी कर जाएगा।
धारा 370 के हटना परिवारवाद पे एक घात के समान झटका लगा है।
उनके समझ मे नही आ रहा वो क्या करें क्या न करे सब के सब बौखला गए है ,
उल्टा सीधा बोल के सब के सब नजरबंद हो गए है।
क्या करे इसमे उनकी भी कोई गलती नहीं,
आज तक जो कश्मीर में पूर्णरूपेण हक़ जमाये बैठे थे उसे छोड़ने का दर्द तो होगा ही।
अब वहां सरकार ने उनका हक छीन के अपना जताया है।
इसका दर्द उनको हमेशा रहेगा कि क्या सोचा और क्या पाया है।
370 ने अपना एक मुकाम बना रखा था,
कश्मीरियों को अपना गुलाम बना रखा था।
आज आजाद हुए है सब अपने अपने बुरे हाल से,
लोगों को भी क्या पता क्या करे क्या न करे।
कैसे खुशी मनाये या कैसे नहीं।
70 सालो से वो गुलामी कर-कर के खुद भी अब गुलामी चाहते है
औऱ तो और कुछ लोगो को तो ये आजादी न समझ आ रही न पसंद आ रही हैं।
और तो और कुछ गिने चुने कश्मीरियों को भी दर्द है ,
जो हिन्दुस्तान से ज्यादा पाकिस्तान को अपना समझते थे।
क्योंकि दर्द सिर्फ उनको ही हुआ है,
जो रहते कही, खाते किसी का और गुण गाते किसी और देश का है।
जो भी सच्चा देश भक्त है उसे ये धारा पसंद आ रही होगी,
और जिसे नही आ रही, उसके लिए आप खुद ही समझदार है,
आपको समझाने की कोई जरूरत नहीं।
"नीतु सिसौदिया"