पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन के अंदर बिखराव शुरू हो चुका है| प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र सहनी ने लालू प्रसाद पर अवसरवादिता की राजनीति करने का आरोप लगाया है| उन्होंने कहा कि अवसरवादिता की राजनीति करने में माहिर लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी, राज्यसभा में अपने ही दो नेताओं का नामांकन कराकर कांग्रेस को बिहार की राजनीति में न सिर्फ उसकी औकात दिखाई है बल्कि बिहार कांग्रेस प्रभारी की चिट्ठी को भी झुठला दिया है| प्रारंभ से ही राष्ट्रीय जनता दल सत्ता और स्वार्थ सिद्धि के लिए यूज़ एंड थ्रो की रणनीति पर काम करती रही है जिसका जीता-जागता उदाहरण कांग्रेस है| श्री सहनी ने कहा कि सहयोगी दलों से सियासी लाभ लेकर उन्हें बीच मंझधार में छोड़ना राजद की सियासी पॉलिसी है| इतिहास गवाह है कि जो भी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से जुड़ी वह गर्त में पहुंच गयी| बिहार में आज वही हाल कांग्रेस पार्टी की है| करीब सात दशक तक देश पर और कुछ दशक पहले तक बिहार में राज करनेवाली कांग्रेस पार्टी, अब राजद का पिछलग्गू बनने को विवश है|
उपेन्द्र सहनी ने कहा कि राज्यसभा नामांकन में अनदेखी किये जाने से न सिर्फ बिहार कांग्रेस में राजद के खिलाफ बौखलाहट है बल्कि राजद के वरिष्ठ नेता भी पशोपेश में है| उन्होंने कहा कि समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण पन्द्रह वर्षों तक बिहार पर एकछत्र राज करनेवाली लालू प्रसाद की पार्टी राजद का जमीन और जनाधार पूरी तरह से खिसक चूका है| श्री सहनी ने कहा कि यही स्थिति बनी रही तो वह दिन दूर नहीं जब राष्ट्रीय जनता दल अपना अस्तित्व खो देगा| महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के लिए कांग्रेस की दुर्गति एक सबक है, जो राजद के साथ चुनाव लड़ने की सोच रखे हुए हैं| अवसरवादिता की राजनीति करनेवाले ऐसे नेताओं के चाल, चरित्र और चेहरे को बिहार की जनता भलीभांति समझ चुकी है| इसलिए, 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह ही 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को करारी मात मिलनेवाली है|