वंशवाद की राजनीति कर खुद को युवराज समझने की गलतफहमी न पालें, राहुल-तेजस्वी : एडीपी

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

कांग्रेस के पास न जनाधार है और न ही जमीनी नेता.

अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है कांग्रेस और राजद.

बिहार की जनता भोली जरुर है, लेकिन उन्हें मुर्ख समझने की भूल न करे ठगबंधन. 

पटना : महागठबंधन के अंदर ‘थाली का बैंगन” बन चुकी है कांग्रेस जिसके पास अब न तो जनाधार है और न ही जमीनी नेता| असली देशी पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक दशकों तक देश की सबसे बड़ी और पुरानी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में खुद को स्थापित करनेवाली कांग्रेस, आज अपने अस्तित्व बचाए रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है| एडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव की माने तो सत्ता, स्वार्थ और परिवार को केंद्र विंदु मानकर स्वार्थपूर्ण सियासी रणनीति बनानेवाली कांग्रेस, खुद को जिंदा रखने के लिए क्षेत्रीय दलों के गोद में बैठने को विवश है| राष्ट्र और जनता की अनदेखी का ही दुष्परिणाम है कि देश में एकछत्र राज करनेवाली कांग्रेस पार्टी की साख अब परजीवी पार्टी के रूप में देश के सामने है| उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए महागठबंधन में चल रहे शह-मात के इस खेल में कांग्रेस की स्थिति पेंडुलम जैसी हो गयी है| देश की जनता जिस पार्टी पर करीब छः दशकों तक भरोसा करती रही आज उसी कांग्रेस पार्टी के नेता एक-एक वोट बढ़ाने की कवायद में जुटे हुए हैं| जनता महागठबंधन में शामिल इन अवसरवादी दलों के खेल और इनकी नीति-नीयत को भलीभांति समझती है| चुनाव में जनता इनकी सारी साजिशों को बेनकाब कर मुहतोड़ जवाब देगी|

नसीहत भरे लहजे में ललन यादव ने कहा है कि सूचना क्रांति के इस दौर में देश का हर मतदाता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक जागरूक हो चुका है| ऐसी स्थिति में विकास की बजाय वंशवाद की राजनीति करनेवाली पार्टियों का खात्मा होना तय है| उन्होंने कहा कि वंशवाद की राजनीति कर खुद को युवराज समझने की गलतफहमी पालने वाले नेताओं को सत्ता की लोलुपता छोड़ मतदाताओं की मांग के अनुरूप सियासी रणनीति बनाकर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा| नामदारों के सहारे सिर्फ पार्टी आगे नही बढ़ेगी बल्कि नाम बेचने की जगह काम करने की नजरिये को अपनाना होगा| श्री यादव ने कहा कि राहुल गांधी हों या तेजस्वी यादव, ठगबंधन में शामिल सभी नेता यह जान लें कि बिहार की जनता भोली जरुर है, लेकिन उन्हें मुर्ख समझने की भूल करना खतरे से खाली नहीं है| उन्होंने कहा कि बिहार की जनता नये विकल्प की तलाश में है जो अपने विकासवादी रणनीति और दूरदर्शी सोच से बिहार को विकसित श्रेणी में लाने के प्रति दृढसंकल्पित हो| इस दिशा में असली देशी पार्टी अग्रसर है जिसको देखते हुए एडीपी से जनता का जुड़ाव निरंतर जारी है| राजनैतिक दल यह गांठ बांध लें कि 'अब जनता को चाहिए काम, इसलिए वंशवाद की राजनीति पर मतदाता लगायेंगे लगाम'|

 

 

 


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